नई दिल्ली 7 सितमबर
बार बार मौसम बदलने के कारण बहुत सारी बीमारिया होने लागि है । लेकिन आप को किसी भी बीमारी को नजर अंदाज नहीं करना है । क्यू की ये बीमारिया आप की हालत और भी जादा खराब कर सकती है । आप को बता दे की आज के समय मे सब से जादा वाइरल फीवर बहुत हो रहा है जो की लोग इसको समान्य फीवर समाज कर नजर अंदाज कर दे रहे है जो के ये उनके सेहत के लिए बहुत ही हानिकर होता है । बदलते मौसम के कारण हो रहा ये वाइरल फईवेर लोगों को बहुत परेसन कर रहा है । और आप को बात दे की ये फीवर दवाई खाने से भी जल्दी नहीं जाता है । अगर बार बार फीवर हो रहा है और दवाई खाने से नहीं जा रहा है तो आप को डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए ।
क्या क्या है वाइरल फीवर के लक्षण
देखा जाए तो आमतोर पर फीवर को शरीर के गर्मी से वृद्ध से जोड़ते रहते है । आप को बात दे की हमारे शरीर के लिए 37 डिग्री सेलसेयश और 98.6 डिग्री फरेनहाईट का भी तापमान सामान्य माना जाता है । इसलिए हमारे शरीर मे जब तापमान मे किसी भी वृद्धि को बुखार कहा जाता है ।
.. कमजोरी महसूस होना
.. शरीर के तापमान मे वृद्धि
. भूक न लगना गला
. .गला खराब होना
.. पसीना आना
. ठंड लगना
. सिर दर्द होना
. मांसापेसियों मे दर्द
वाइरल फीवर का उपचार कैसे करे
वाइरल फीवर कर लिए हम को एंटोबायोटिक इसके प्रभाव को बहुत कम करती है । लेकिन आप को बात दे की फीवर का एलाज एंटिवयोटिक दवाएओ से काभी नहीं किया जा सकता है । तों इसलिए ही इस फीवर पर काभी भी एलाज नहीं हो सकता है । इसलिए इस समाये हम को डॉक्टर का सलाह लेना ही उचित रहता है । ये फीवर होने पर कुछ उपचार
.. ईबुफरोबेन या पेरसेटेमओल से हम भूखार को आसानी से काम कर सकते है
.. हमको हमेशा पानी या तरल पदार्थ का सेवन करते रहना चाहिए
.. हम एंटी वाइरल दवाई का भी प्रयोग कर सकते है
.. गरम पनि से नहाने से या माथे पर जिले कपड़ा लगाने से भी शरीर का तापमान काम हो जाता है
वाइरल फीवर से बचने के लिए कुछ जरूरी बाते
.. हमको भोजन करने से पहले या कुछ खाने से पहले हाथ को जरूर धुलना चाहिए
.. अगर हम सब्जी या कोए भी फल खा रहे है तो सबसे पहले उसको हमे धूल कर खाना है । और स्वस्थ खाने पीने की आदत डाले ।
.. अगर आप के पास कोए भी पालतू जानवर है तो उसको बाहर न ले जाए जहा उनको दूसरे जानवर काट सकते है तो उससे भी बीमारी बढ़ सकती है
.. अगर आप बीमार है तो काही भी बाहर जाने से बचे घर पर ही रहे ।
.. और आप खाना को गरम होने पर ही खाए क्यूकी जब तापमान पर फीवर का असर काम होता है