- HPSC के साढ़े आठ साल के कामकाज की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाने की माँग
- नाकारा HPSC को तुरन्त भंग किया जाए
चंडीगढ़: दो दिन पहले 21 मई को आयोजित एचसीएस की आरंभिक परीक्षा के दूसरे पेपर में 32 प्रश्न पिछले साल के प्रश्नपत्र से नकल करके दोहराए जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार व राज्य लोकसेवा आयोग पर तीखा हमला बोला है। सुरजेवाला ने कहा कि अपने “घपले-घोटालों के कारण अपनी विश्वसनीयता खो चुके आयोग ने पिछले साल के सवाल दोहराकर न केवल अपनी अयोग्यता साबित की है बल्कि खुद अपना ही पेपर लीक करने का घृणित कार्य भी किया है।
सुरजेवाला ने कहा कि नौकरियों में भर्ती घोटालों के चलते HSSC के ‘अटैची कांड का भंडाफोड़ हो जाने के बाद HPSC ने पर्चा लीक करने की यह नई तकनीक ईजाद की है। यदि खट्टर सरकार में जरा भी शर्म बची है तो खट्टर साहब उन 93,000 युवाओं से तुरन्त माफी मांगें, जिन्होंने उनके पारदर्शिता के झूठे नारों पर विश्वास करके परीक्षा का फॉर्म भरा था। इस परीक्षा को तुरन्त रद्द करके दुबारा पेपर करवाया जाए और HPSC जैसे नाकारा तथा भ्रष्ट आयोग को बर्खास्त करके माननीय उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से साढ़े आठ साल में इनके घोटालों की जांच करवाई जाए।
यहाँ जारी एक बयान में सांसद सुरजेवाला ने कहा कि एचसीएस की प्रिलिमिनरी परीक्षा में दो पेपर होते हैं। इनमें से एक पेपर सामान्य ज्ञान और दूसरा पेपर सिविल सर्विस एप्टिट्यूड टेस्ट होता है जिसे ‘सीसेट’ कहा जाता है। इस सीसेट की परीक्षा में पास होने के लिए हर अभ्यर्थी को 33 प्रतिशत अंक लेने अनिर्वाय हैं तभी उसका सामान्य ज्ञान का पेपर चेक होता है जिसके आधार पर मेरिट बनती है। यदि इस ‘सीसेट’ के पेपर में अभ्यर्थी 33 प्रतिशत अंक नही ले पाता तो वह मेरिट से स्वतः बाहर हो जाता है।
रणदीप ने कहा कि पिछली बार HSSC का डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर रुपयों की भरी अटैची और अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट के साथ पकड़ा गया था। उस समय तो खट्टर साहब की विजिलेंस ने अकेले अनिल नागर को बलि का बकरा बनाकर सरकार की बाकी सभी बड़ी मछलियों को बचा लिया था। इस बार खट्टर सरकार के HPSC ने नई षडयंत्रकारी नीति के तहत भाजपा जजपा सरकार के
चहेतों को सेट करने के मकसद से सीसेट का पर्चा लीक करने का बड़ा ही बेशर्मीपूर्ण तरीका निकाला है। इन्होंने ‘सीसेट के पेपर में 100 में से 32 प्रश्न पिछली बार की परीक्षा के पेपर से कॉमा – फुलस्टॉप तक बदले बिना यूँ के यूँ नकल करके दे दिए। कैंडिडेट्स को इस पेपर को क्वालीफाई करने के लिए केवल 33 प्रतिशत अंक ही लेने होते हैं और इनमें 32 प्रश्न व उनकी कुंजी पिछले साल से ही सार्वजनिक पटल पर होने के चलते आउट कर रखे हैं। यह सीधे-सीधे पर्चा लीक करने का षडयंत्र है। ये लोग हर परीक्षा में नकल करके प्रश्न देते हैं जो कि पर्चा लीक करने का बड़ा व सुरक्षित तरीका है।
सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन अपने कुकर्मों के कारण अब हरियाणा पोस्ट सेल काउंटर में तब्दील हो चुका है और इसके जिम्मेदार खुद मुख्यमंत्री हैं। यदि खट्टर साहब ने अनिल नागर वाला ‘अटैची कांड सामने आने के बाद HSSC व HPSC को बर्खास्त करके उस घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज से करवा दी होती तो आज लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ की ये नौबत नही आती ।
सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर साहब जवाब दें कि जिस पेपर को क्वालीफाई करने के लिए 33 प्रतिशत अंक चाहिए और उसके 32 प्रश्न पहले ही आंसर की के साथ पब्लिक डोमेन में हों उस परीक्षा की क्या शुचिता बचती है?
जिन अभ्यर्थियों ने पिछली परीक्षा नहीं दी थी या जिनके पास रिवाइज़ करने के लिए पिछली बार का प्रश्न पत्र नहीं था, उनको खट्टर साहब कैसे न्याय देंगे?
बहुत से अभ्यर्थियों को तो अभी तक ये भी नहीं पता कि HPSC उनके साथ इतना बड़ा धोखा भी कर चुका है।
जहां कट ऑफ दो अंकों तक के फ्रैक्शन में रहती हो, वहां 32 प्रश्न लीक हो जाने का अर्थ है पूरी प्रक्रिया का कलंकित हो जाना।
इन परिस्थितियों में हरियाणा के युवाओं की ओर से हम मांग करते हैं कि खट्टर साहब धृतराष्ट्र की भूमिका से बाहर निकलकर राजधर्म का पालन करें अन्यथा 2024 में हरियाणा की जनता भी भाजपा के साथ वही करने जा रही है जो कर्नाटक की जनता ने उनका सफाया कर किया है।
सुरजेवाला ने मांग करते हुए कहा कि पहले ही चरण में कलंकित हो चुकी इस परीक्षा को तुरन्त रद्द करके एचसीएस (प्री) परीक्षा दुबारा करवाई जाए तथा हरियाणा पोस्ट सेल काउंटर में तब्दील हो चुके इस आयोग को तुरन्त बर्खास्त करके इस पूरे घोटाले की उच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज से न्यायिक जांच करवाई जाए।