योगी आदित्यनाथ की सरकार ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें उत्तर प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण पद पर अपर्णा यादव की नियुक्ति राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि वह समाजवादी पार्टी से जुड़े परिवार की सदस्य हैं और पिछले कुछ समय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में सक्रिय हैं।
अपर्णा यादव की नियुक्ति: अपर्णा यादव को उत्तर प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाए जाने से यह स्पष्ट होता है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महिलाओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्हें एक महत्वपूर्ण भूमिका में रखा है। उनके अनुभव और सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू हैं और उनके पति प्रतीक यादव भी समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। हालांकि, अपर्णा यादव ने भाजपा की विचारधारा को अपनाया और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गईं। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि और भाजपा में उनकी भूमिका ने उन्हें इस पद पर नियुक्ति के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।
महिला आयोग में उनकी भूमिका: उत्तर प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनने के बाद, अपर्णा यादव का मुख्य कार्य राज्य में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए नीतियों को लागू करना होगा। वह महिलाओं के हितों के संरक्षण और उनके उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की निगरानी करेंगी।
महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां: इस पद पर रहते हुए, अपर्णा यादव महिलाओं के मुद्दों पर सरकार की नीतियों को लागू करने और उन्हें और सशक्त बनाने के लिए काम करेंगी। उनके नेतृत्व में आयोग महिला सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार से संबंधित योजनाओं को और प्रभावी ढंग से लागू करने का प्रयास करेगा।
राजनीतिक संदेश: अपर्णा यादव की इस नियुक्ति को भाजपा की ओर से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। इससे भाजपा ने समाजवादी पार्टी के गढ़ में अपनी पकड़ मजबूत करने का संकेत दिया है, साथ ही राज्य में महिलाओं के लिए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की भी मंशा जताई है।
अपर्णा यादव को उत्तर प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाए जाने से यह स्पष्ट होता है कि योगी सरकार महिलाओं के मुद्दों पर गंभीर है और उनके उत्थान के लिए अनुभवी और प्रतिबद्ध व्यक्तियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त कर रही है। अपर्णा यादव के पास अब राज्य की महिलाओं के लिए एक सशक्त मंच पर काम करने का अवसर है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस भूमिका में किस तरह से अपने अनुभव और राजनीतिक समझ का उपयोग करती हैं।
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