- जल ही जीवन है’, जल संरक्षण के लिए हमें वक्त रहते अपनाने होंगे आधुनिक तरीके – दुष्यंत चौटाला
चंडीगढ़, 27 अप्रैल
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भविष्य में प्रदेश में जितने भी नए उद्योग लगाए जाएंगे उनमें नई एवं आधुनिक तकनीक से युक्त वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया अपनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहेगा कि आईएमटी सोहना, आईएमटी खरखौदा तथा ड्रीम प्रोजेक्ट गुरुग्राम ग्लोबल सिटी को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की ओर लेकर जाएं और वहां के पानी को दोबारा उपयोग के योग्य बनाए जाए. डिप्टी सीएम अमृत जल क्रांति के अंतर्गत आयोजित जल संगोष्ठी के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र से सीवरेज व बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए गए पुराने बुनियादी ढांचे को अपडेट करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पुराने रोहतक शहर के औद्योगिक क्षेत्र की सीवरेज आदि की व्यवस्था को नई तकनीक के माध्यम से पायलट तौर पर दुरूस्त करने का आह्वान किया ताकि पानी का फिर से उपयोग किया जा सके.
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने महाराष्ट्र के जिला लातूर में प्रयोग की जा रही उस तकनीक का भी जिक्र किया जिससे डैड हो चुके बोरवेल को दोबारा जीवित किया जा सकता है. उन्होंने प्रदेश के विशेषज्ञों से फरीदाबाद में डैड बोरवेल को ठीक किए जा रहे प्रोजेक्ट को पूरे प्रदेश में लागू करने की दिशा में कार्य करने का सुझाव दिया. दुष्यंत चौटाला ने राज्य में प्राकृतिक झीलों के निर्माण पर चर्चा की और कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में जल संरक्षण के क्षेत्र में कम से कम एक-एक पायलट प्रोजेक्ट बनाया जाए ताकि उनके परिणामों के आधार पर लोगों को प्रेरित कर सके.
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश में पहली बार आयोजित की जा रही इस प्रकार की संगोष्ठी के लिए अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि पर्यावरणीय परिस्थितियों को देखते हुए सड़क और बिजली से भी ज्यादा भविष्य के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राज्य सरकार वाटर ट्रीटमेंट और जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही है, इससे उम्मीद है कि हरियाणा पूरे देश में एक रोल मॉडल बनकर उभरेगा.
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जल ही जीवन है के स्लोगन का उदाहरण देते हुए कहा कि पानी के समुचित प्रबंधन के अभाव में ही वाटर क्राइसिस की नौबत आने लगी है और शहरों में टैंकर से पानी की सप्लाई करनी पड़ती है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समय रहते हमें जल संरक्षण के लिए आधुनिक तरीके अपनाने होंगे. उन्होंने सिंगापुर, कोरिया तथा यूएई जैसे देशों के वाटर मैनेजमेंट पर चर्चा करते हुए कहा कि उनको आशा है कि इस जल-संगोष्ठी से हरियाणा में भी जल प्रबंधन बेहतर होगा.