कोलकाता के एक अस्पताल में आधी रात को घटी एक घटना ने वहां मौजूद डॉक्टरों और स्टाफ के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया। एक शराबी व्यक्ति, जो नशे में धुत था, अचानक अस्पताल में हंगामा मचाने लगा। उसकी हरकतें इतनी आक्रामक थीं कि वहां मौजूद डॉक्टर और नर्सें सहम गए। यह घटना तब हुई जब अस्पताल में कम स्टाफ मौजूद था, और ज्यादातर लोग अपनी ड्यूटी पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे।
शराबी ने अस्पताल में प्रवेश करते ही डॉक्टरों से बदतमीजी शुरू कर दी। उसने वहां के मेडिकल उपकरणों और अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि अस्पताल के अन्य मरीज भी इस हंगामे से डर गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। डॉक्टर और नर्सें, जो मरीजों की देखभाल में लगी थीं, अचानक इस अप्रत्याशित हमले से खुद को असुरक्षित महसूस करने लगीं।
अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, और पुलिस की समय पर पहुंचने से स्थिति नियंत्रण में आ सकी। पुलिस ने शराबी को हिरासत में लिया और उसे अस्पताल से बाहर ले गई। यह घटना कोलकाता के एक प्रमुख अस्पताल में हुई, जो शहर के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण अस्पतालों में से एक है।
डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों ने इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि रात की शिफ्ट में इस तरह की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं, लेकिन इस बार स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। उन्होंने मांग की है कि अस्पतालों में सुरक्षा के इंतजामों को और मजबूत किया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और वे बिना किसी डर के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
इस घटना की तुलना इंदौर में कुछ समय पहले घटी एक अन्य घटना से की जा रही है, जहां एक अस्पताल में शराबियों ने डॉक्टरों और स्टाफ पर हमला कर दिया था, जिससे कई लोग घायल हो गए थे। कोलकाता की इस घटना में शुक्र की बात यह रही कि समय पर पुलिस की हस्तक्षेप ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया और किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
अस्पताल प्रशासन ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि रात की शिफ्ट में अधिक सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे और अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही, किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस के साथ समन्वय बनाए रखने की भी योजना है।
यह घटना एक बार फिर से इस बात की याद दिलाती है कि अस्पतालों में न केवल मरीजों की देखभाल महत्वपूर्ण है, बल्कि वहां काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती है, जिसे प्रशासन को गंभीरता से लेना होगा।