- योगी आदित्यनाथ के बड़े फैसले के बाद, मनोहर लाल खट्टर एक्शन में
- उत्तर प्रदेश के जिलों के नाम के साथ अब हरियाणा प्रदेश में भी बदले जा रहे हैं
- देश में राजनीतिक विवाद बढ़ने की ओर
नई दिल्ली, 5 अप्रैल |
देश के सबसे बड़े उत्तर प्रदेश में लगातार जहां पिछली सरकारों के चरखे में नामों को पलटा जा रहा है वही अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी एक्शन में आ गए पहले उत्तर प्रदेश में बदमाशों के घरों को ढाया गया और जो धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकारी संपत्ति को नष्ट करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ सरकारी संपत्ति का जुर्माना वसूलने का कानून सबसे जहां पहले उत्तर प्रदेश में लाया गया वही योगी आदित्यनाथ के एक्शन को देखकर हरियाणा प्रदेश ने भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ही सरकारी संपत्ति जलाने वालों से जुर्माना वसूलने का कानून बना दिया.
जैसे ही योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की एनसीईआरटी की किताबों से मुगलों का इतिहास बदला उसी तर्ज पर हरियाणा में भी बदलने की तैयारी चल रही है मुगलों के इतिहास से छेड़छाड़ करने को लेकर जहां देशभर में राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है वही कांग्रेस भाजपा के प्रवक्ता मुगलों के इतिहास को बदलने के लिए आपस में टकरा रहे हैं जिसको लेकर देशभर में राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
पहले योगी आदित्यनाथ ने करीब एक दर्जन जिलों के नाम संस्थाओं के नाम बदले, हरियाणा सरकार आई एक्शन में मुख्यमंत्री निवास का नाम संत कबीर कुटी रखा
योगी , खट्टर ने जिलों एवं संस्थाओं के नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार मांगी अनुमति
एक दर्जन उत्तर प्रदेश के जिलों के नाम बदलने के लिए एवं राजीव गांधी , इंदिरा गांधी, जवाहरलाल नेहरू के नाम से बनी संस्थाओं एवं बड़े-बड़े कॉलेज यूनिवर्सिटियों के नाम बदलने की जहां एक तरफ लंबी सूची बनाई हुई है वहीं केंद्र सरकार से उनके नाम बदलने की अनुमति मांगी गई है हरियाणा प्रदेश में भी इंदिरा गांधी राजीव गांधी जवाहरलाल नेहरू के अलावा बड़े राजनीति के नाम से संस्थाएं, कॉलेज, यूनिवर्सिटी बनी हुई है, उनके भी नाम हटाने की केंद्र सरकार से हरियाणा सरकार की ओर से अनुमति मांगी गई है.
देश में नेताओं के नाम से बनी विभिन्न संस्थाओं का नाम हटाने की लगी होड़
देशभर में जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है कांग्रेस के नेताओं के नाम से बनी संस्थाओं और यूनिवर्सिटियों के नाम हटाए जा रहे हैं वही जिन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार है वह अपने पार्टी के स्वर्गीय नेताओं के नाम से बनी संस्थाओं को आगे बढ़ा रहे हैं. राजस्थान, छत्तीसगढ़, कांग्रेस पार्टी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के अलावा कांग्रेस के स्वर्गीय पूर्व नेताओं के नाम से संस्थाएं और तेजी से बन रही हैं. लेकिन जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है वह कांग्रेस के नेताओं के नाम से बनी संस्थाओं के नाम हटाने में लगी हुई है जिसमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और हरियाणा में शामिल है.