5 विधानसभा सीटों पर वैश्य समाज के प्रत्याशी टिकट के दावेदार
टिकटों के बंटवारे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अधिक चलने वाली है ।
अम्बाला लोकसभा मे 5 विधानसभा क्षेत्र में वैश्य समुदाय के उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी हुड्डा व शैलजा गुट के अलावा सुरजेवाला के समर्थक वैश्य कांग्रेसी टिकट मांग रहे हैं । भाजपा के पहले से दो वैश्य विधायक हैं अंबाला। हरियाणा में विधानसभा चुनाव में अब बहुत कम समय बचा है। टिकट के दावेदार अपने आकाओं से टिकट की फरियाद लगा रहे हैं। अंबाला लोकसभा क्षेत्र की कुल 9 विधानसभा मे से 5 विधानसभा सीटों पर अनेक वैश्य समाज के प्रत्याशी टिकट के दावेदार बने हुए हैं। हालांकि प्रदेश कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अधिक चलने वाली है लेकिन अंबाला लोकसभा क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को अनदेखा नहीं किया जा सकता। फिलहाल पंचकूला और अंबाला शहर दो विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा से वैश्य समाज के विधायक हैं। असीम गोयल अंबाला शहर के विधायक हरियाणा के परिवहन मंत्री हैं वहीं पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हैं।
बुजुर्ग होने के कारण ज्ञान चंद गुप्ता को टिकट न देकर
रणदीप सुरजेवाला के गुट से विजय बंसल
राजनीतिक गलियारों मे चर्चा है कि बुजुर्ग होने के कारण ज्ञान चंद गुप्ता को टिकट न देकर असीम गोयल को पंचकुला सीट पर चुनाव लड़ाया जा सकता है। कालका विधानसभा की बात करे तो यहाँ से कांग्रेस की टिकट के लिए पूर्व चेयरमैन विजय बंसल प्रबल दावेदार बने हुए हैं। वह रणदीप सुरजेवाला के गुट से आते हैं। कालका क्षेत्र के लिए लड़ाई लड़ने वाले विजय बंसल पार्टी के बचपन से ही सक्रिय राजनीति में है। पंचकूला से विधायक रहे डी के बंसल की धर्मपत्नी अंजली बंसल भी कांग्रेस टिकट की प्रबल दावेदार हैं। वह इस समय भुपेंद्र हुड्डा की समर्थक हैं। पंचकुला मे काफ़ी लोकप्रिय भी है। स्व. डीके बंसल अम्बाला कैंट व पंचकुला से विधायक रहे हैं।
कांग्रेस की टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ा था
यमुनानगर से संगीता अग्रवाल और महेंद्र मित्तल टिकट के दावेदार हैं। संगीता अग्रवाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट से संबंध रखती हैं। वह पूर्व में नगर परिषद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। संगीता कांग्रेस की नीतियों में विश्वास रखने वाली और कांग्रेस नेतृत्व में आस्था रखने वाली नेत्री हैं। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी वरूण चौधरी के साथ उनके पति प्रदीप अग्रवाल व उन्होंने सक्रियता से काम किया था। यमुनानगर से ही व्यापारी नेता महेंद्र मित्तल टिकट के दावेदार हैं। अंबाला कैंट की बात करे तो कुमारी शैलजा की प्रमुख समर्थक वैनू अग्रवाल टिकट की प्रबल दावेदार हैं। उनके लिए प्लस पॉइंट यह है कि वह पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं। अंबाला शहर से पवन अग्रवाल टिकट के प्रबल दावेदारो मे से हैं। पूर्व नगर पार्षद पवन अग्रवाल की धर्मपत्नी मीना अग्रवाल ने अंबाला शहर से कांग्रेस की टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ा था और मजबूत उपस्थित दर्ज करवाई थी। पवन अग्रवाल 2005 से सक्रिय राजनीति में हैं। विभिन्न समाजिक संगठनों व खेल संघ से जुड़े पवन अग्रवाल को अंबाला शहर सीट पर कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है।
शैलजा समर्थक पवन अग्रवाल भी दावेदार
शैलजा समर्थक पवन अग्रवाल के अलावा इस सीट पर रोहित जैन भी दावेदार है। इनकी माता किरण बाला जैन भी कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रही हैं। उनके राजनीतिक संपर्कों का फायदा रोहित जैन को मिल सकता है। यहां बता दें कि वैश्य समाज हरियाणा में 16 सीटों पर अपनी टिकट की दावेदारी जता रहा है। इस मामले को लेकर विभिन्न मंचों पर विशेष समाज के विभिन्न संगठनों ने आवाज को बुलंद करते रहे है। अग्रवाल वैश्य समाज ने बाकायदा इस मामले में सभी राजनीतिक दलों को ज्ञापन देने का काम भी किया था। यह अग्रवाल वैश्य समाज का दबाव ही था कि भाजपा ने अंतिम समय तक कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर नवीन जिंदल को मनाने का काम किया और उन्हें उम्मीदवार बनाया। अब एक बार फिर हरियाणा में 16 सीटों पर वैश्य समाज अपनी दावेदारी जता रहा है।
वैश्य समाज के लिए चिंता की बात है
राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार
वैश्य समाज के लिए चिंता की बात है कि पूर्व में समाज के 16 विधायक रहे हैं लेकिन बाद में इनकी संख्या तेजी से गिरने लगी और यह 6-7 पर आकर अटक गई। अब वैश्य समाज इस मामले को लेकर एकजुट होता हुआ नजर आ रहा है। अंबाला लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार होना इस बात का सूचक है कि वैश्य समाज अब राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहा है।आम आदमी पार्टी भी चुनाव की तैयारी मे जुटी है परंतु वैश्य समुदाय के उम्मीदवारों में इस लोकसभा मे कोई ज़्यादा सक्रिय नहीं दिखाई दे रहा है।समाज कितनी टिकट ले पाता है समय बताएगा परंतु अम्बाला लोकसभा मे पंचकुला, यमुनानगर व अम्बाला में वैश्य समुदाय के मतदाताओं की संख्या बहुतायत है। कांग्रेस व भाजपा के अलावा भी प्रदेश में सक्रिय राजनीतिक दलों की निगाहें वैश्य समाज के रूख पर टिकी रहती है।