प्रदेश पुलिस के उच्च अधिकारी है संजीदा, प्रतिदिन ले रहे है रिपोर्ट
चंडीगढ़, 10 अप्रैल
प्रदेश में अप्रैल माह में मानव तस्करी के खिलाफ एक महीने का स्पेशल अभियान “ऑपरेशन स्माइल या ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है. इस मिशन के तहत गुमशुदा बच्चों, व्यसकों को ढूंढना और उनके परिवार से मिलवाना होता है. इसके अलावा अभियान के माध्यम से पुलिस का उद्देश्य मानव तस्करी के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना है. गुमशुदा के अलावा बंधुआ मज़दूरों व बाल भिखारियों को भी रेस्क्यू करने का कार्य प्रदेश पुलिस कर रही है.
पहले हफ्ते में ही ट्रेस किये 105 नाबालिग व 110 व्यस्क
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग अभियान शुरू किया गया है. इस दौरान जिला पुलिस बचाव अभियान चलाते हुए मानव तस्करी के पीड़ितों को पुनर्वास प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी. जिला पुलिस व एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स ने पहले ही हफ्ते में 105 नाबालिगों को ट्रेस कर उनके परिवार से मिलवाने का काम किया है. उसके अलावा तक़रीबन 110 गुमशुदा वयस्कों को उसके परिवार से मिलवाया गया. पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला पुलिस द्वारा 80 भिखारियों व 107 बंधुआ मज़दूरों को रेस्क्यू भी किया गया.
हरियाणा पुलिस ने मानव तस्करी को रोकने और उससे लड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में अभियान को सफल बनाने के लिए सभी थानों में तैनात बाल कल्याण अधिकारी, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स, प्रदेश पुलिस के उच्च अधिकारी स्वयं इस पुरे ऑपरेशन पर नज़र रख रहे है और प्रतिदिन टीम द्वारा किये जाने वाले कामों को रिपोर्ट ली जा रही है.
आम जनता से भी चाहिए सहयोग , पुलिस रखेगी आपकी जानकारी गुप्त
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताता कि मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है, जो देश में हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करती है. राज्य ने हाल के वर्षों में मानव तस्करी के कई मामलों का खुलासा किया है. हरियाणा पुलिस इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के खिलाफ महीने भर चलने वाला अभियान इस अपराध से निपटने के प्रयासों का एक हिस्सा है. प्रदेश पुलिस ने आमजन से आग्रह किया है कि वे मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को उसके आपातकालीन हेल्प लाइन नंबर 112 पर दें. सूचना देने वाले की पहचान भी पुलिस की ओर से गुप्त रखी जाएगी. अभियान में उन नाबालिगों को भी रेस्क्यू किया जायेगा जो या तो घरेलु नौकर अथवा छोटे उद्योगों में बाल श्रमिकों की तरह काम कर रहे हैं या फिर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंडों पर लावारिसों की तरह रह रहे हैं या भीख मांग रहे हैं.
प्रदेश के अलावा, अन्य राज्यों पर भी रखे नज़र, गुम हो चुके बच्चों का बनाएं डेटा : ओ पी सिंह , आईपीएस
ओ पी सिंह , आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडिशनल डीजीपी) ने स्टेट क्राइम ब्रांच के अंतर्गत कार्यरत सभी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स को निर्देश देते हुए कहा कि अन्य राज्यों के सभी निजी आश्रमों में जाएँ और देखें कि हरियाणा के बच्चे कौन से है. ऐसे बहुत से बच्चे है जो भटक कर अन्य राज्यों में चले गए है और अनजान भाषा के कारण अपने घर का पता बताने में सक्षम नहीं होते है. इसके अतिरिक्त, जिला पुलिस अधीक्षकों द्वारा भी सभी जिलों के सभी थाना प्रबंधकों व चौकी इंचार्ज को भी उक्त मिशन पर संजीदगी से काम करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जिला बाल कल्याण अधिकारी कार्यालय से तालमेल स्थापित कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर कारखानों व होटलों पर काम कर रहे बच्चों के बारे में भी जानकारी हासिल करें. मानव तस्करी करने वालों, बाल मजदूरी करवाने वालों व अन्य किसी भी प्रकार का शोषण करने वालों का पता लगाएं.
डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे अगुवाई, हर जिले में गठित हुई है टीम : प्रदेश पुलिस महानिदेशक
विदित है कि प्रदेश में एक अप्रैल से ऑपरेशन मुस्कान को शुरू किया गया है. प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी. के. अग्रवाल के मुताबिक, सभी जिलों के अधिकारीयों को स्पेशल टीम गठन करने के निर्देश दिए गए है. उक्त टीम की अगुवाई डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा ताकि ऑपरेशन स्माइल का लाभ जन जन तक पहुंचे. चूँकि बच्चे इस देश का भविष्य है और हमारे समाज का एक संवेदनशील तबका है. बच्चों के मामले में एहतियात बरतने की आवश्यकता रहती है, तभी बच्चों की बेहतर काउंसिलिंग की जा सकती है. वर्तमान में जिलों के अलावा भी हमारी 22 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स काम कर रही है जिनका मुख्य उद्देश्य आमजन व सामाजिक संस्थाओं से बेहतर समन्वय स्थापित कर मां-बाप से दूर हुए बच्चों को उनके परिवार से मिलवाना है. पुलिस महानिदेशक ने बताया की पुलिस को निर्देशित किया गया है कि गुमशुदा, बंधक, शोषित व्यक्तियों, महिलाओं बच्चों को ढूंढकर संबंधित परिजनों को लौटाने और सूचित करने हेतु गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बाल भवन, शेल्टर होम से भी अवश्य संपर्क करें.