- सिरसा, 28 जून, केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान एवं भारतीय कपास निगम की ओर से संयुक्त रूप से कपास उपज में सुधार के लिए केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय स्टेशन मेंं किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिरसा व फतेहाबाद जिला के किसानों ने हिस्सा लिया।
- प्रधान वैज्ञानिक डा. ऋषि कुमार ने कार्यक्रम की श्ुरुआत में कपास-किसानों के लिए उपज में सुधार के लिए सर्वोत्त्म कृषि पद्घितयों के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार राकेश नाइक व कपास निगम के अधिकारियों ने उपस्थित किसानों को बेहतर बाजार मूल्य के लिए कपास के रेशे की बेहतर गुणवत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कपास का रेशा जितना बेहतर गुणवत्ता को होगा, उतना ही अधिक उसका बाजार मूल्य प्राप्त होगा। डा. सतीश जैन ने किसान खेत स्कूल पर आधारित एग्रो-इको-सिस्टम-एनालिसिस चार्ट तैयार करने व एकीकृत कीट प्रबंधन के लिए निर्णय लेने बारे जानकारी दी।
- डा. ऋषि कुमार ने बताया कि कीट, रोग और खरपतवारों की पहचान, प्रबंधन निर्णय और संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी सांझा की। इसके साथ ही किसानों के साथ, कपास की फसल के साथ-साथ अन्य निकटवर्ती फसलों, खरपतवारों और कीटों के अलावा बीमारी समझने का अवलोकन करने, प्रासंगिक कारकों के विवरण के लिए चार्ट तैयार करना व खेत में सर्वोत्तम कृषि पद्घतियां अपनाने बारे चर्चा करते हुए किसानों को जागरुक किया गया। डा. एस.के. सैन व डा. अमरप्रीत सिंह ने भी कपास की उपज व गुणवत्ता में सुधार को लेकर अपने-अपने सुझाव व कृषि पद्घितयों बारे जानकारी दी गई।