पेरिस पैरालंपिक में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई है, क्योंकि कपिल परमार ने पैरालंपिक और ओलंपिक दोनों में जूडो पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव प्राप्त किया है!
कपिल परमार ने पुरुषों की 60 किग्रा जे1 श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करते हुए अद्वितीय कौशल और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने ब्राजील के प्रतिद्वंद्वी को इप्पोन से हराकर कांस्य पदक जीता। यह प्रदर्शन न केवल कपिल के व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि भारतीय जूडो के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।
कपिल परमार की इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय खेलों में एक नई छाप छोड़ी है। यह उपलब्धि भारतीय खेलों के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और कपिल ने भारतीय खेलों के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। उनके इस महान कार्य ने देशवासियों को गर्वित किया है और यह आगामी एथलीटों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
कपिल परमार की यह जीत न केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय खेलों के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनकी मेहनत, लगन और संघर्ष ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया है, और उनकी सफलता से भारतीय जूडो को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिली है। यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय खेलों की किताब में हमेशा के लिए दर्ज रहेगा और यह भारतीय एथलीटों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।