कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान माना जा रहा है
हिसार लोकसभा सीट पर कम मतदान ने कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशियों की बेचैनी को बढ़ा दिया है। कम मतदान को दोनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के हिसाब से देख रहे हैं। इस बार का चुनाव बेहद कांटे का साबित हो सकता है। हिसार लोकसभा सीट का परिणाम सीधे तौर पर नारनौंद, उचाना, उकलाना के मतदाताओं पर निर्भर करेगा। माना जा रहा है कि कम मतदान का नुकसान सत्ता पक्ष को अधिक होगा। रात आठ बजे तक करीब 64 प्रतिशत मतदान हुआ है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 72.43 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार मतदान में भारी गिरावट ने सभी को डरा दिया है।
शुरू से ही मुकाबला आमने-सामने का था
हिसार लोकसभा सीट पर इस बार शुरू से ही मुकाबला आमने-सामने का था। कांग्रेस के प्रत्याशी जयप्रकाश व भाजपा के प्रत्याशी रणजीत सिंह इसी हिसाब से मैदान में डटे थे। इंडियन नेशनल लोकदल व जननायक जनता पार्टी जितनी वोट हासिल करेंगी, वह कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान माना जा रहा है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन इनेलो प्रत्याशी की कुलदीप बिश्नोई के आवास पर मुलाकात ने समीकरण में काफी बदलाव कर दिए।
शहर में भाजपा, ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस का जोर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसका नुकसान इनेलो को होगा। शहरी एरिया में मतदाता पूरी तरह से भाजपा के समर्थन में नजर आए, वहीं ग्रामीण एरिया में कांग्रेस का अधिक जोर रहा। लोगों की इस चुनाव में अधिक रुचि नजर नहीं आई। मतदान प्रतिशत गिरने में कुछ कारण गर्मी का रहा लेकिन किसी प्रत्याशी के प्रति जोश न होना सबसे बड़ा कारण रहा।