कांग्रेस ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए एक बड़ी चुनावी चाल चलते हुए विनेश फोगाट को मैदान में उतारा है। फोगाट को जिस सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, वह जमानत जब्त सीट मानी जाती है, जहां पिछले चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विनेश फोगाट, जो भारत की जानी-मानी महिला पहलवान हैं, को कांग्रेस ने खेल जगत से जुड़े एक प्रतिष्ठित चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया है, ताकि पार्टी को खेल प्रेमियों और युवा मतदाताओं के बीच समर्थन मिल सके।
इस बार कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए 26 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है। इनमें से कई उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने कभी पहले चुनाव नहीं लड़ा है। कांग्रेस की इस नई रणनीति के पीछे का मकसद नए और ताजगी भरे चेहरों के जरिए मतदाताओं को आकर्षित करना है। हालांकि, इन सीटों पर कांग्रेस का पिछला प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है, इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या ये नए चेहरे पार्टी की किस्मत बदलने में सफल होंगे या नहीं।
दूसरी तरफ, भाजपा ने भी कुछ इसी तरह की रणनीति अपनाते हुए 3 सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारा है। भाजपा का यह कदम दिखाता है कि पार्टी युवा और ताजगी भरे चेहरों के जरिए अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। हालांकि, भाजपा का जोर अभी भी पार्टी के पुराने और भरोसेमंद चेहरों पर ही ज्यादा है, लेकिन इन 3 सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारकर पार्टी ने अपने चुनावी समीकरण को संतुलित करने की कोशिश की है।
इन नई चुनावी रणनीतियों से साफ है कि हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां नए चेहरों पर दांव लगा रही हैं। जहां कांग्रेस 26 सीटों पर नए उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है, वहीं भाजपा ने भी 3 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है। ये फैसले दोनों पार्टियों की बदलती चुनावी रणनीतियों को दर्शाते हैं, जिनमें युवाओं और नए मतदाताओं को लुभाने का खास ध्यान रखा गया है।
अब देखना यह होगा कि हरियाणा के मतदाता इन नए चेहरों को किस हद तक स्वीकार करते हैं और क्या ये उम्मीदवार कांग्रेस और भाजपा के लिए जीत की राह आसान करेंगे या नहीं। आगामी चुनावों में इन उम्मीदवारों का प्रदर्शन दोनों पार्टियों के लिए काफी अहम साबित हो सकता है, क्योंकि हरियाणा की राजनीति में बदलाव की आहट सुनाई दे रही है।