कानपुर में खेले जा रहे मैच में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर एक चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया, जो 60 साल में भारतीय टीम के लिए एक दुर्लभ रणनीति है। आमतौर पर भारतीय पिचों पर टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करना फायदेमंद माना जाता है, लेकिन रोहित ने परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गेंदबाजी को प्राथमिकता दी।
कानपुर की पिच और मौसम की स्थिति
कानपुर की ग्रीन पार्क स्टेडियम की पिच शुरुआत में तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जाती है, खासकर सुबह के समय। मौसम और पिच के इस व्यवहार को ध्यान में रखते हुए रोहित ने पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया ताकि शुरुआती ओवरों में बांग्लादेश के बल्लेबाजों पर दबाव बनाया जा सके।
60 साल में पहली बार ऐसा फैसला
भारतीय टीम ने 60 साल बाद कानपुर में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है। इससे पहले इस मैदान पर भारत ने आमतौर पर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था। यह बदलाव भारतीय टीम की आक्रामक रणनीति को दर्शाता है, जहां वे विपक्षी टीम को शुरुआती ओवरों में पीछे धकेलने का प्रयास कर रहे हैं।
बांग्लादेश की बल्लेबाजी की चुनौती
बांग्लादेश की टीम भारतीय पिचों पर अच्छी शुरुआत की तलाश में होगी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों के सामने उन्हें मुश्किलें पेश आ सकती हैं। भारतीय तेज गेंदबाज पिच से मिल रही शुरुआती मदद का फायदा उठाकर बांग्लादेश के शीर्ष क्रम को दबाव में डालने की कोशिश करेंगे।
रोहित का जोखिम भरा फैसला
रोहित शर्मा का यह फैसला जोखिम भरा माना जा रहा है, क्योंकि अगर भारतीय गेंदबाज शुरुआती ओवरों में विकेट लेने में नाकाम रहते हैं, तो बांग्लादेश की टीम एक मजबूत स्कोर खड़ा कर सकती है। हालांकि, रोहित और टीम प्रबंधन ने इस फैसले को पिच और मौसम की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया है, जो आगे मैच के परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रोहित शर्मा का यह साहसिक निर्णय भारत के पक्ष में जाता है या बांग्लादेश इसे भुनाने में सफल होता है।