रेवाड़ी– इतिहास गवाह है कि रेवाड़ी नगर की स्थापना हजारों साल पहले तत्कालीन क्षत्रिय शासकों द्वारा की गई। समय के साथ शासन व्यवस्था में परिवर्तन के चलते यहां के मंदिर,तालाब,भवन आदि की निर्माण शैली भी प्रभावित हुई।
बड़ा तालाब,तेज सरोवर,सोलह राही,कानोड गेट,दिल्ली दरवाजा,गोकल गेट,जगन गेट,जयपुर (भाड़ावास) गेट आदि का नामों निशान आज भी बाकी है।हालांकि जगन गेट का वजूद मिट गया है सिर्फ जगन गेट पुलिस चौकी की पहचान बाकी है। गोकल गेट व भाड़ावास गेट पर भी पुलिस चौकी कायम है जबकि कानोड गेट के सामने शहर पुलिस थाना मौजूद है।
लगभग 15/20 साल पहले दिल्ली दरवाजा भी खंडहर होकर दो फाड़ होने की स्तिथि में आ गया था। आवागमन की कमी और आसपास अधिक आबादी न होने से इसकी मरम्मत सहज ही होकर इसके ऐतिहासिक स्वरूप को बचाने में प्रशासन को कामयाबी मिल गई थी।
इसी प्रकार वर्षों पहले कानोड गेट के साथ अतिक्रमण से हुए खतरे को भी सम्भाल लिया गया। गोकल गेट और भाड़ावास गेट नगर की लाइफ़ लाइन मानी जाती है क्योंकि इनके बीच में ही मुख्य बाजार, व्यापार और पुरानी बस्ती की दिनचर्या रहती है। पिछले दिनों भारी वर्षा और प्रशासनिक उपेक्षा के चलते भाड़ावास गेट की एक सुरक्षा गुंबद का एक भाग अचानक भरभराकर गिर गया जिसकी चपेट में आने से एक मोटर साइकिल सवार की मौत भी हो गई।
इस हादसे ने नगर की ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने या नव निर्माण की एक नई मुहिम शुरू हो गई है। सरकारी तंत्र और स्वम सेवी संगठनों का इस दिशा में काम करना अपने आप में किसी बड़े हादसे से कम नही है। इसकी जानकारी लोकशाही के पिछले 75 साल में हुए चुनावों से भलीभांति समझा जा सकता है।
रेवाड़ी विधानसभा के 1952 से लेकर 2019 तक हुए 17 जनरल चुनावों में 15 बार 2 घरानों का ही प्रतिनिधित्व रहा है। रामपुरा हाऊस की राजकुमारी पदम श्री बाई जी सुमित्रा देवी 4 बार लगातार यहां से विधायक निर्वाचित हुई जबकि 2 बार रामपुरा हाऊस के पूर्व दामाद कर्नल राम सिंह विधायक बने। 1952 और 1972 में दो बार सहारन वास के एक बड़े जमीदार राव अभय सिंह विधायक बने, उन्ही के बेटे कप्तान अजय सिंह रिकार्ड 6 बार लगातार यहां से विधायक रहे और अब कप्तान का बेटा चिरंजीव राव विधायक है। सिर्फ 2 बार 1987 में देवी लाल लहर में रघु यादव और 2014 में मोदी लहर के सहारे रणधीर सिंह कापड़ीवास साधारण परिवार से रेवाड़ी के विधायक बन सके जिनका लगभग पूरा कार्यकाल इन दो घरानों के मकड़जाल को भेदने में ही गुजर गया।
रेवाड़ी नगर परिषद की वर्तमान अध्यक्षा श्रीमती पूनम यादव सहारनवास की बहू है और यहां के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह रामपुरा हाऊस के वारिस हैं। अब ऐतिहासिक धरोहरों की विरासत संजोए रेवाड़ी नगर की दुर्दशा का जिम्मेदार बिना बताए आम नागरिक के सामने है।
न्याय आपके द्वार अभियान के संयोजक राव नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने इन आंख खोलने वाले तथ्यों का खुलासा करते हुए सवाल पूछा है कि क्या 2024 के चुनाव में रेवाड़ी के मतदाता इस सच्चाई को जानते हुए एक नया इतिहास रचने की हिम्मत जुटा पाएंगे, देखने वाली बात है?