गुरूग्राम, 14 सितंबर। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी समाचार-पत्रों व टी.वी. चैनलों पर सार्वजनिक करनी होगी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजनीतिक पार्टियों को भी अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक करने के साथ पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी सूचना देनी अनिवार्य है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों व ऐसे उम्मीदवारों के संबधित राजनीतिक दलों को चुनाव अभियान अवधि के दौरान तीन बार टेलीविजन चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से इसकी जानकारी प्रकाशित करनी होती है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों को एक स्थानीय व एक राष्ट्रीय समाचार पत्र, फेसबुक और टि्वटर सहित राजनीतिक पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी देनी होगी। राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की पूर्ण जानकारी अपलोड करनी होगी। साथ ही ऐसे उम्मीदवार के चयन के कारण भी बताने होगें। ऐसे कारण संबंधित उक्वमीदवार की योग्यता और उपलब्धियों के संदर्भ में दिए जाएं, ना कि उसके चुनाव जीतने की क्षमता के बारे में हों।
जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने कहा कि यह विवरण उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के भीतर प्रकाशित किए जाएं और संबंधित राजनीतिक दल को उम्मीदवार के चयन के 72 घंटे में निर्वाचन आयोग के समक्ष इन निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। कोई राजनीतिक दल निर्वाचन आयोग के समक्ष ऐसी अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहता है तो निर्वाचन आयोग द्वारा इसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना मान कर सुप्रीम कोर्ट के ध्यान में लाएगा। इसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना माना जाता है, जिसे भविष्य में गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी नामांकन वापसी की तिथि से पहले 4 दिनों के भीतर, अगले 5वें से 8वें दिन के बीच और 9वें दिन से लेकर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक 3 बार टेलीविजन चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित करवानी होगी।