**गुरुग्राम:** हरियाणा के गुरुग्राम में एक बार फिर किसान आंदोलन की चिंगारी भड़क उठी है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने मंगलवार को सोहना टोल टैक्स पर घेरा डालकर जोरदार नारेबाजी की। यह प्रदर्शन एक किसान की जमीन को लेकर हो रहे विवाद के खिलाफ था, जिसमें बिल्डर पर जमीन हथियाने का आरोप लगाया गया है। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने प्रशासन को सख्त चेतावनी दी कि अगर पीड़ित किसान को न्याय नहीं मिला, तो भाकियू आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है।
**प्रदर्शन की पृष्ठभूमि:**
इस विवाद की जड़ गुरुग्राम के धाआमडोज गांव में है, जहां एक बिल्डर पर किसान सुशील कुमार की जमीन हथियाने का आरोप है। किसान ने फरवरी 2023 में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके उलट, किसान के खिलाफ ही कई एफआईआर दर्ज कर दी गईं।
रतन मान ने आरोप लगाया कि पुलिस और बिल्डर के बीच मिलीभगत के चलते किसान के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि किसान द्वारा 2018 में 15 एकड़ जमीन का कोलैबोरेशन बिल्डर के साथ किया गया था, लेकिन 2021 में एग्रीमेंट खत्म होने के बाद बिल्डर ने तय शर्तों का पालन नहीं किया। अब बिल्डर, पुलिस के साथ मिलकर किसान को प्रताड़ित कर रहा है, जबकि जमीन का मालिकाना हक अभी भी किसान के पास है।
**10 दिन का अल्टीमेटम:**
रतन मान ने प्रशासन को 10 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर इस अवधि के भीतर पीड़ित किसान को न्याय नहीं मिला, तो भाकियू व्यापक आंदोलन करेगी। उन्होंने मांग की कि किसान के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर तुरंत प्रभाव से रद्द की जाएं और उसकी शिकायत पर पुनः जांच शुरू की जाए।
रतन मान ने स्पष्ट किया कि अगर 10 दिनों के भीतर प्रशासन ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की, तो इसे प्रशासन और बिल्डर की मिलीभगत के रूप में देखा जाएगा। इसके बाद हरियाणा के किसान सड़कों पर उतरेंगे, और जो भी नुकसान होगा, उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
**भविष्य की रणनीति:**
रतन मान ने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस अवधि के दौरान प्रशासन द्वारा किसी भी किसान या उसके परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई, तो इसका व्यापक विरोध होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा का सम्पूर्ण किसान वर्ग इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करेगा।
**प्रदर्शन में उपस्थित नेता:**
इस प्रदर्शन के दौरान भाकियू के प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, राम कुमार नौतना, सूबे सिंह बोहरा, सतवीर, हारून नंबरदार, देवेंद्र कुमार यादव, सतबीर सरपंच, मुकेश यादव, सुखदेव डागर, और आजाद मोहम्मद सहित कई प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे।
**निष्कर्ष:**
गुरुग्राम में किसानों के इस आंदोलन ने एक बार फिर से प्रशासन और किसानों के बीच के तनाव को उजागर किया है। भाकियू ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर पीड़ित किसान को न्याय नहीं मिला, तो वह बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या किसान को न्याय मिल पाता है।