दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) ने अंडरग्रैजुएट, पोस्ट ग्रैजुएट और पीएचडी प्रोग्राम में नए एडमिशन लेने वाले फर्स्ट इयर स्टूडेंट्स की फीस में इजाफा करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय डीयू के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने जून में मंजूरी दी है और यह बढ़ी हुई फीस अगस्त से शुरू होने वाले अकैडमिक सेशन से लागू हो जाएगी।
नए फीस स्ट्रक्चर के अनुसार, फर्स्ट इयर बीटेक स्टूडेंट्स की फीस में 3.70 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पहले यह फीस 2.16 लाख रुपये थी जो अब 2.24 लाख रुपये हो गई है। यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह वृद्धि सिर्फ फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स के लिए की गई है। फीस के कुछ हिस्सों में वृद्धि की गई है जैसे ट्यूशन फीस, स्टूडेंट्स वेल्फेयर फंड, डिवेलपमेंट फीस, फेसिलिटी एंड सर्विस चार्जेज और इंडब्ल्यूएस सपोर्ट फंड।
चार साल के इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम की फीस में भी 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। यह पहले 1.90 लाख रुपये थी जो अब 1.99 लाख रुपये हो गई है। वहीं, चार साल के इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन की फीस में 57,400 रुपये की वृद्धि की गई है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (डीयूएसयू) के कंट्रीब्यूशन शेयर को फीस स्ट्रक्चर से हटा दिया गया है। एलएलबी और एमवीए प्रोग्राम्स की फीस में भी डीयूएसयू कंट्रीब्यूशन को हटा लिया गया है। वहीं, अन्य यूजी और पीजी कोर्सेस में कंट्रीब्यूशन को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है।
पीएचडी कोर्स की फीस में ओवरऑल करीब 60.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब पीएचडी स्कॉलर्स को 4450 रुपये की जगह 7,130 रुपये फीस देनी होगी। एमए हिंदू स्टडीज में एडमिशन लेने वाले विदेशी स्टूडेंट्स के लिए फीस में कमी की गई है। सार्क देशों के स्टूडेंट्स को अब एक लाख की बजाय 50 हजार रुपये और नॉन सार्क देशों के स्टूडेंट्स को दो लाख की जगह एक लाख रुपये फीस देनी होगी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की इस फीस वृद्धि का असर स्टूडेंट्स पर पड़ेगा। हालांकि, यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह वृद्धि आवश्यक है ताकि वे बेहतर सुविधाएं और सेवाएं प्रदान कर सकें।
आशा है कि इस बढ़ोतरी के बाद भी स्टूडेंट्स को गुणवत्ता शिक्षा मिलती रहेगी और वे अपने भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे।
WhatsApp us