- सिरसा,01 जुलाई : सिरसा जिले के राजस्थान से सटे नाथूसरी चौपटा क्षेत्र में नरमा व कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप शुरू हो गया है। अचानक से गुलाबी सुंडी के हमले से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है । क्षेत्र के डिंग, जोधंका, रूपावास, रायपुर, बकरियांवाली, गुडिया खेड़ा गिगोरानी, रामपूरा ढि़ल्लों, कुम्हारिया, कागदाना, खेड़ी, जसानिया, हंजीरा, नाथूसरी, शाहपूरिया, चाहरवाला, शक्करमन्दोरी, रूपावास, रामपूरा नवाबाद सहित कई गांवों में इस बार करीब 39 हजार हेक्टेयर में नरमा व 8 सो हेक्टेयर में कपास की फसल की बुवाई की हुई है। गुलाबी सुंडी के प्रकोप की सूचना के बाद कृषि विभाग के अधिकारीयों ने आज खेतों में जाकर निरिक्षण किया।
- गांव डिंग के किसान ज्ञान धारी पचार, विकाश, रामस्वरूप, भरत सिंह, धर्मपाल, रामनिवास, रामसिंह, सुभाष, भागीरथ, हवासिंह, विनोद, सतबीर, सुधीर, बिशन सिंह, नथु राम, विकास ने बताया सुंडी के प्रकोप से फसल ख़राब होने लगी है। किसान प्रमोद बिरड़ा, देवीलाल मंडा, सतपाल बिरड़ा, कृष्ण पूनिया, जगदीश ने बताया कि नरमा कपास की फसल में शुरूआती दौर में गुलाबी सुंडी का हमला शुरू हो गया है। अभी पकने में काफी समय बाक़ी है। इसेमें फसल को बचाना काफी मुस्किल हो गया है। किसानों का कहना है कि कपास की फसल फिलहाल 60 से 70 दिन की हुई है लेकिन गुलाबी सुंडी का प्रकोप कपास के टिंडे बनते समय देखा जाता है लेकिन इस बार शुरुआती दौर में ही किसानों की चिंता बढा दी हैं।
- ऐसे लगाये सुंडी का पता
- कृषि विकास अधिकारी शेलेन्द्र सहारण ने बताया कि कपास की फसल में गुलाबी सुंडी की निगरानी फूलों व टिंडो पर करें। खेत के विभिन्न हिसों से 60 फूलों की जांच करने पर अगर इन में से रॉजेटेड फूल तथा सुंडी के द्वारा नुकसान किये गए 6 फूल मिलते हैं तो गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए स्प्रे करें। खेत में अलग अलग पौधों से 20 हरे टिंडे तोड़ कर उसमें घुसी गुलाबी सुंडी को गिनो अगर इनमें दो या दो से ज्यादा सुंडियां मिलती हैं तो गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए स्प्रे करें। 3 एकड़ में दो फेरोमोन ट्रैप लगाएं और यदि लगातार तीन रातों में गुलाबी सुंडी के 15 प्रौढ़ या 24 प्रौढ़ प्रति ट्रैप मिलते हैं तो गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए स्प्रे करें।
- गुलाबी सुंडी नियंत्रण करने के लिए इन कीटनाशकों का कर सकते है प्रयोग
- कृषि विकास अधिकारी शेलेन्द्र सहारण ने कहा कि गुलाबी सुंडी के लिए पहला छिड़काव 800 मिलीलीटर प्रोफेनोफोस 50 ई.सी. या 900 से 1100 मिलीलीटर क्विनालफोस 20 ए.एफ. या 250 से 300 ग्राम थायोडिकार्ब 75 डब्ल्यू. पी. प्रति 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। दूसरा छिड़काव 80 से 100 मिलीलीटर साइपरमेथ्रिन 25 ई.सी. या 160 से 200 मिलीलीटर डेकामेथरीन 2.8 ई. सी. को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ में 10 से 12 दिनों के अंतराल पर आवश्यकतानुसार स्प्रे करें।