गुरुग्राम, 11 अगस्त 2024 – पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संत निरंकारी मिशन ने आज गुरुग्राम में वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया। इस अभियान का संचालन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और पूज्य निरंकारी राजपिता जी के दिव्य मार्गदर्शन एवं पावन आशीर्वाद से किया गया।
वननेस वन’ परियोजना के तहत पौधारोपण
संत निरंकारी सत्संग भवन, सेक्टर 31, गुरुग्राम के आसपास के क्षेत्र में इस वृक्षारोपण का नेतृत्व ब्रांच के मुखी संजय चुघ ने किया। इसमें सेवादल संचालक कुलदीप सिंह, संचालिका सोनिया खटाना, और सेवादल के अन्य सदस्य, भाई-बहन और बच्चे बड़े उत्साह के साथ शामिल हुए। सभी ने 2021 से जारी ‘वननेस वन’ नामक मेगा वृक्षारोपण परियोजना में योगदान दिया।
पौधारोपण में विविध पौधों का चयन
गुरुग्राम में हो रही भारी वर्षा के बीच पौधारोपण की शुरुआत सभी के द्वारा की गई प्रार्थना से हुई। इस अभियान के तहत पीपल, बड़, इमली, गुलमोहर, अशोका, और चंपा जैसे सैकड़ों पौधे लगाए गए। इस कार्यक्रम में न केवल मिशन के अनुयायी बल्कि आसपास की सोसाइटियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
‘ग्रीन मैन’ विजयपाल का योगदान
इस अभियान में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित और ग्रीन मैन के नाम से मशहूर हरिद्वार के विजयपाल भी शामिल हुए, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और अपने अनुभव साझा किए।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का योगदान
समाज कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने गुरुग्राम सहित संपूर्ण भारतवर्ष के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 600 से अधिक स्थानों पर वृक्षारोपण का आयोजन किया। मिशन के अनुयायियों और स्वयंसेवकों ने इस अभियान में बढ़-चढ़ कर भाग लिया, जिससे यह एक सफल और प्रेरणादायक प्रयास साबित हुआ।
दिवसीय ‘दिव्यता’ से प्रेरणा
इस अभियान की एक विशेष बात यह रही कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य आशीर्वाद से प्रेरित होकर 21 दिवसीय बच्ची ‘दिव्यता’ से भी पौधारोपण करवाया गया। इस छोटी सी उम्र में ही उसे पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश देने की यह पहल एक प्रेरणा स्रोत बनी।
निष्कर्ष
संत निरंकारी मिशन द्वारा आयोजित यह वृक्षारोपण अभियान पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कदम है। यह न केवल समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक करता है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण बनाने में भी सहायक है। मिशन के इस समर्पित प्रयास को देखकर यह कहा जा सकता है कि अगर हम सब मिलकर ऐसे प्रयास करें, तो हमारा पर्यावरण सुरक्षित और संरक्षित रह सकता है।