- पीयू में हरियाणा के हक के मामले को एसवाईएल के भांति न बनाए भगवंत मान
- आम आदमी पार्टी को हरियाणा में राजनीति करने का नही कोई अधिकार,शिवालिक क्षेत्र के कालेज पीयू से हो एफिलिएटेड : दीपांशु बंसल
- पंजाब यूनिवर्सिटी में हमारा हिस्सा पहले से, पूर्व में हरियाणा के कई कालेज पंजाब यूनिवर्सिटी से एफीलेटिड रहे
हरियाणा:पंजाब यूनिवर्सिटी में हरियाणा का हक नकारने को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की छात्र इकाई(एनएसयूआई)के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं अग्रवाल वैश्य समाज छात्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष दीपांशु बंसल एडवोकेट ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा सीधे तौर पर मना करने पर खेद व्यक्त किया है।दीपांशु का कहना है कि भगवंत मान इस मुद्दे पर राजनीति न करे,और छात्रहीतो में पंजाब यूनिवर्सिटी के परिवार को बढ़ा करे,वह स्वयं भी पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र रहे है,और पंजाब यूनिवर्सिटी का परिवार बढ़ने से भगवंत मान को राजनीति करने का कोई अधिकार नही है।इस मामले को एस वाई एल के मामले की तरह राजनीतिक बनाकर भगवंत मान सिर्फ छात्रों का नुकसान कर रहे है।
दीपांशु बंसल का कहना है कि पीयू में हरियाणा का हक पहले से ही है,पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को किसी प्रकार से इस हक को हरियाणा को देने से मना करने का कोई अधिकार नही है।वैश्य समाज के छात्र नेता दीपांशु बंसल का कहना है कि हरियाणा के कालेज पहले पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड थे,अब भी शिवालिक क्षेत्र जिला पंचकूला,अंबाला यमुनानगर के कालेजों को पीयू से एफिलिएट करवाने के लिए मांग की जा रही है जिससे इस इलाके के सभी बच्चो को बेहतर शैक्षणिक सुविधा मिल पाएगी।हाल में,यहां के बच्चो को कुरुक्षेत्र विवि में जाने के लिए 100 किमी का सफर करना पढ़ता है और काफी दिक्कतो का सामना करना पढ़ता है जिसके चलते बच्चो को शिक्षा पर बुरा असर पढ़ता है।पंचकूला वैसे भी ट्राइसिटी का हिस्सा है,ऐसे में हरियाणा के बच्चो के साथ चंडीगढ़ में एडमिशन के लिए भेदभाव होता है।
छात्र नेता दीपांशु बंसल ने कहा कि हम पंजाब से कोई हिस्सा नहीं मांग रहे। हिस्सा तो हमारा पहले से ही है। हरियाणा तो सन् 1966 में बन गया था। उसके बाद भी काफी सारे कॉलेज पंजाब यूनिवर्सिटी से एफीलेटिड रहे हैं।अब तो बस इन कालेजों को दोबारा से ऐफीलेटिड कराना है जिससे न केवल यहां के बच्चो को फायदा होगा अपितु पंजाब यूनिवर्सिटी को भी आर्थिक रूप से फायदा होगा। हिस्सा तो हमारा पहले ही है, नहीं तो यह 1966 में ही खत्म हो जाता।
गौरतलब है कि पंजाब यूनिवर्सिटी में हरियाणा की हिस्सेदारी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा को इनकार कर दिया है जिसको लेकर हरियाणा में काफी रोष है।कांग्रेस छात्र इकाई के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपांशु बंसल एडवोकेट ने कहा कि अब हरियाणा में आम आदमी पार्टी को राजनीति करने का कोई अधिकार नहीं है।पंजाब में आप सरकार होते हुए भी हरियाणा के छात्रों के हित के लिए एक बहुत छोटा सा कार्य नही किया जा रहा बल्कि भगवंत मान इस मामले को एस वाई एल की तरह राजनीतिक मुद्दा बनाकर छात्रों के हितों से कुठाराघात करने में व्यस्त है।