- विकास पर राजनीति को भारी पड़ते देख नगर परिषद के समर्थन में लामबंद हुए दसों गावों के लोग
- ग्रामीणों ने कहा पटौदी के विकास के लिए जरावता जीतोड़ मेहनत कर रहा है
पटौदी, 6 अप्रैल |
पटौदी मंडी नगर परिषद के गठन पर सवाल उठाकर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने वाले को बुधवार को कई गांवों के लोगों ने करारा जवाब दिया. नगर परिषद में शामिल सभी गावों के लोगों ने एसडीएम संजीव कुमार को ज्ञापन सौंपकर नगर परिषद में शामिल रहने की मांग की है. इस अवसर पर ग्रामीणों ने विकास की पैरवी करते हुए सरकार के पक्ष में जमकर नारेबाजी की. गांव देवलावास, खानपुर, रामपुर, नरहेड़ा, मिलकपुर, जनौला, छावन, सफेदानगर, हेडाहेड़ी के लोगों ने कहा कि पटौदी के विकास में हमें सरकार का सहयोग करना चाहिए. जो लोग इस विकास प्रक्रिया में अड़चन लगा रहें है वो अपनी राजनीति के चक्कर में पटौदी के विकास में रुकावट बन रहे है. उनकी सभी लोगों से अपील है कि अपनी पटौदी के विकास में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक होकर विकास को प्राथमिकता दे. उन्होंने कहा कि पटौदी कस्बा अब नगर और महानगर बनने की ओर है. भविष्य में पटौदी को जिला भी बनाया जा सकता है. इसके लिए संसाधन की जरूरत है और हमारा एमएलए सत्यप्रकाश जरावता जीतोड़ मेहनत करके एक एक कदम पटौदी के विकास में बढ़ा रहा है. इस अवसर पर खानपुर के पूर्व सरपंच पवन कुमार, रामपुर के पूर्व सरपंच अमित शर्मा, देवलावास के पूर्व सरपंच सतबीर सिंह, हेडाहेड़ी के पूर्व सरपंच राजबीर सिंह, मिलकपुर के पूर्व सरपंच शेर सिंह, नरहेड़ा के सरजीत चौहान, जनौला के श्रद्धानंद प्रधान, घनश्याम फौजी, हेडाहेड़ी के पूर्व पंच सुनील, मिलकपुर के दयाराम पहलवान, खानपुर के पूर्व पंच राजपाल व विजय सहित प्रमुख लोग उपस्थित थे.
न. प. के मुद्दे पर विकास पर भारी राजनीति, क्या है मामला
हेलीमंडी पटौदी नगर पालिकाओं सहित दस गावों को मिलाकर एमएलए सत्यप्रकाश जरावता के प्रयासों से पटौदी मंडी नगर परिषद का गठन हुआ था. इससे क्षेत्र में खुशी का माहौल था कि अब पटौदी भी महानगर बनेगा और विकास की गति तेज हो जाएगी. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. लेकिन विकास की बढ़ती गति कुछ राजनैतिक लोगों को रास नही आई. फिर क्या था राजनीति पटौदी के विकास पर भारी पड़ने लगी. इसके चलते कुछ स्वार्थी लोगों ने राजनीति एजेंडा शुरु कर दिया. कई मोर्चो पर किसी न किसी बहाने विरोध जताने लगे. पटौदी की ऐसी तस्वीर पेश करने लगें की पिछले सालों में कोई विकास ही नही हुआ. जबकि असलियत कुछ और ही है. आम लोगों ने जब विकास पर राजनिति भारी होते देखी तो सभी गावों के लोग मुखर होकर एसडीएम ऑफिस में पहुंचे और पटौदी के एसडीएम के माध्यम से सीएम मनोहर लाल से नगर परिषद में स्थाई रूप से शामिल होने की मांग की.