भूकम्प मॉक एक्सरसाइज
- सायरन के साथ हुई भूकंप मॉक एक्सरसाइज, एनडीआरएफ की टीम ने बच्चों को निकाला सुरक्षित
भिवानी, 31 अक्टूबर। मंगलवार को गांव पालुवास स्थित केंद्रीय विद्यालय में डीसी नरेश नरवाल के मार्गदर्शन में बठिंडा से एनडीआरएफ की 7वीं बटालियन द्वारा भूकंप की मॉक एक्सरसाइज आयोजित की गई। सुबह करीब 11 बजे सायरन बजने के साथ मॉक एक्सरसाइज शुरू हुई। भूकम्प की तीव्रता 6.6 रिएक्टर मापी गई। एनडीआरएफ के बचाव दल ने केंद्रीय विद्यालय की इमारतों में फंसे घायल बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। सायरन के साथ विद्यालय के सभी बच्चे व स्टाफ अपने-अपने कक्षा से निकल कर बाहर खुले में एकत्रित हुए। मॉक एक्सरसाइज में पुलिस उप निरीक्षक विशेष ने भी विद्यार्थियों को आपदा से बचाव के बारे में जरूरी जानकारी दी।
भूकंप की मॉक एक्सरसाइज के दौरान सहायक कमांडेंट देवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम ने भूकंप का एक तरह से वास्तविक नजारा प्रस्तुत किया। भूकंप के सायरन के साथ ही बचाव दल की टीम कक्षाओं में गई। उन्होंने बच्चों को अपने-अपने बैग सिर पर रखकर स्कूल से बाहर खुले परिसर में जाने को कहा। सभी बच्चे सुरक्षित बाहर आए। उपर की मंजलि पर कुछ कमरों से बच्चों को सीढिय़ों के सहारे बाहर निकाला गया। मामूली रूप से घायल कुछ बच्चों को एनडीआरएफ की टीम ने जिला पुलिस की टीम के सहयोग से स्ट्रेचर के सहारे बाहर निकाला। जिला रेडक्रास वालंटियर ने प्राथमिक उपचार सहायता प्रदान की और बाद में उनको स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उपचार दिया।
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मॉक एक्सरसाइज के दौरान एनडीआरएफ सहायक कमांडेंट देवेन्द्र सिंह व इंस्पेक्टर जसवंत सिंह ने विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन के बारे में जरूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की आपदा के समय हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भूकंप आने पर हमें सबसे पहले सुरक्षित स्थान के सहारे हमारे सिर को बचाना है, ताकि गंभीर चोट न लगे। समतल मैदान में हों तो ध्यान रखना है कि हम गिर सकते हैं। इसी प्रकार से घर में प्राथमिक उपचार ले सकते हैं, जो कि घर पर होना जरूरी है। उन्होंने बच्चों के क्लास रूम, बैडरूम व किचन में बचाव करने के बारे में जरूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूकंप की स्थिति बनने पर बिजली की तारों से दूर रहें। गाड़ी न चलाएं, माचिस न जलाएं और घबराएं नहीं। जरूरत के समय प्रशासन द्वारा जारी की गई हेल्पलाईन नंबर की सहायता लें।
उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ की टीम डॉग स्क्वायड का भी सहारा लेती है। भूकंप की स्थिति में उपकरणों के सहारे मलबें या पत्थरों को काट कर उनके नीचे दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बाढ़ व आगजनी के दौरान स्थिति में भी बचाव की जानकारी दी। इस दौरान विद्यार्थियों को प्राकृतिक आपदा से बचाव के दौरान प्रयोग होने वाले उपकरणों के बारे में भी जानकारी दी गई।
मॉक एक्सरसाइज में पुलिस उप निरीक्षक विशेष ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जानकारी होने से प्राकृतिक आपदा के समय बचाव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल लाइव देखना पूरी उम्र्र याद रहता है। विद्यार्थियों को बचाव के साथ-साथ प्राथमिक उपचार की भी जानकारी होनी चाहिए।
इस दौरान स्कूल प्राचार्य मोहिन्द्र सिंह, आपदा प्रबंधन परियोजना अधिकारी प्रवीन कुमार, रैडक्रास से संजय कामरा, विकास कुमार, मनोरंजन शर्मा, डॉ. अजय कुमार, अग्निशमन से राजीव, अलावा अनेक संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।