हरियाणा में विधानसभा चुनाव की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, लेकिन पंजाबी समुदाय के पास ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं है जो उन्हें एकजुट कर सके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अपील का भी चुनावी मैदान में असर दिखाई नहीं दे रहा है। कुछ पंजाबी नेता उन्हें अपना नेता मानते हैं, जबकि अन्य उनकी नेतृत्व क्षमता को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति पंजाबी समुदाय के बीच असमंजस पैदा कर रही है, जिससे वे हरियाणा में एक सक्षम नेता की तलाश में हैं।
पिछले दस वर्षों में मनोहर लाल खट्टर अपने समुदाय के बीच एक मजबूत स्थिति स्थापित करने में असफल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, उनकी लोकप्रियता में कमी आई है, और वे अपने समाज को एकजुट करने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। यह चुनावी माहौल उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
दक्षिणी हरियाणा में स्थिति और भी जटिल हो गई है, जहां कई नेताओं ने खट्टर की रैली के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व को मना कर दिया है। क्षेत्र के नेता चुनावी मैदान में खट्टर की रैलियों को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके अपने चुनावी संभावनाओं को नुकसान हो सकता है। इसलिए, वे खट्टर से दूरी बनाए हुए हैं, और मंचों पर भी खट्टर की तस्वीरें गायब हो गई हैं।
राजनीतिक समीकरण भी प्रभावित हो रहे हैं। मनोहर लाल खट्टर और राव इंद्रजीत सिंह के बीच बढ़ती दूरियों के कारण, दक्षिणी हरियाणा में अधिकांश नेता राव इंद्रजीत के समर्थकों के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस स्थिति ने खट्टर के प्रति स्थानीय नेताओं का विश्वास कम किया है, और परिणामस्वरूप, वे अपनी राजनीतिक रणनीतियों में खट्टर को शामिल करने से परहेज कर रहे हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब मात्र 5 दिन रह गए हैं, और चुनाव प्रचार 3 तारीख को समाप्त हो जाएगा। इस समय, राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा और भी तीव्र हो गई है। सभी की नजरें चुनाव परिणामों पर टिकी हुई हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पंजाबी समुदाय को अपना नेतृत्व मिल पाता है या मनोहर लाल खट्टर अपनी स्थिति को मजबूत करने में सफल हो पाते हैं।
इस चुनावी परिदृश्य में, सभी पार्टियों को अपनी रणनीतियों को समायोजित करना होगा, खासकर यदि वे पंजाबी समुदाय के मतदाताओं को आकर्षित करना चाहते हैं। इस बीच, खट्टर को अपनी स्थिति को पुनः स्थापित करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि वे अपनी पार्टी और समुदाय के बीच विश्वास पुनर्जीवित कर सकें।