पैरासिटामोल, पैन डी, और शेल्कल समेत 50 से ज़्यादा दवाइयां ‘क्वालिटी चेक’ में फेल, जानिए क्या करना है और क्या नहीं?
हाल ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा किए गए एक ‘क्वालिटी चेक’ में पैरासिटामोल, पैन डी, और शेल्कल जैसी 50 से अधिक दवाइयां क्वालिटी मानकों पर खरी नहीं उतर पाईं। इन दवाइयों का फेल होना स्वास्थ्य सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मुद्दा है। यह स्थिति आम जनता को सावधान करती है कि वे दवाइयों के इस्तेमाल में सतर्कता बरतें। आइए जानते हैं कि इस मामले में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
क्वालिटी चेक में क्यों फेल हुई दवाइयां?
दवाइयों की क्वालिटी चेक प्रक्रिया के दौरान यह देखा जाता है कि वे दवाएं निर्धारित मानकों पर खरी उतरती हैं या नहीं। इसके तहत उनके निर्माण, गुणवत्ता, प्रभावशीलता और सुरक्षित सेवन के मानकों की जांच की जाती है। जो दवाइयां इन मानकों पर असफल होती हैं, उन्हें बाज़ार से हटाने की अनुशंसा की जाती है। पैरासिटामोल, पैन डी, और शेल्कल जैसी कुछ प्रसिद्ध दवाइयां इन मानकों पर खरी नहीं उतरीं, जिसके चलते इन्हें ‘क्वालिटी चेक’ में फेल घोषित किया गया।
क्या करना चाहिए?
- डॉक्टर से सलाह लें: अगर आप इन दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वह आपकी स्थिति के अनुसार वैकल्पिक दवाएं या इलाज सुझा सकते हैं।
- दवाइयों की जानकारी लें: दवाओं के लेबल और पैकेजिंग पर दी गई जानकारी ध्यान से पढ़ें। यह सुनिश्चित करें कि आप उन दवाइयों का सेवन न करें, जिनकी गुणवत्ता संदिग्ध है।
- वैकल्पिक दवाओं का उपयोग: डॉक्टर से सलाह लेकर वैकल्पिक और सुरक्षित दवाइयों का सेवन करें। बाजार में कई अन्य विकल्प उपलब्ध होते हैं, जो सेफ्टी और क्वालिटी स्टैंडर्ड्स पर खरे उतरते हैं।
- फार्मेसी से पूछताछ करें: दवाइयों की खरीद करते समय फार्मेसी से उनकी विश्वसनीयता और गुणवत्ता की पुष्टि करें। क्वालिटी चेक में फेल दवाइयों को खरीदने से बचें।
क्या नहीं करना चाहिए?
- खुद से दवा बंद न करें: अगर आप इन दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें बंद न करें। कभी-कभी दवाओं को अचानक रोकने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- क्वालिटी फेल दवाएं न खरीदें: यह सुनिश्चित करें कि आप क्वालिटी चेक में फेल हुई दवाओं को न खरीदें। फार्मेसी से जानकारी लेकर ही दवाओं का चयन करें।
- सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न दें: इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां हो सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आप किसी भी दवा के बारे में सही और प्रमाणिक जानकारी प्राप्त करें।
सरकार और औषधि कंपनियों का कदम
क्वालिटी चेक में फेल दवाओं को बाज़ार से हटाने और उनकी बिक्री पर रोक लगाने के लिए संबंधित कंपनियों को निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार इन दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठा रही है। दवाइयों की गुणवत्ता में सुधार और सुरक्षा के लिए अधिक कड़ी मानक लागू किए जा रहे हैं।
पैरासिटामोल, पैन डी, और शेल्कल जैसी 50 से अधिक दवाइयों का क्वालिटी चेक में फेल होना गंभीर मुद्दा है। उपभोक्ताओं को इन दवाइयों के इस्तेमाल में सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी शंका की स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। सही जानकारी और सावधानी से आप अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।