बांग्लादेश में हाल ही में हिंदू समुदाय के घरों और मंदिरों पर हमलों की एक लहर देखने को मिली है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल है।
खुलना में हिंदू परिवारों पर हमले
खुलना में बिमान बिहारी अमित और अनिमेष सरकार के घरों पर हमले हुए हैं, जिनमें शाम करीब 5 बजे बड़ी तोड़फोड़ की गई। रूपशा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत हैसगती गांव में श्यामल कुमार दास और स्वजन कुमार दास के घरों पर भी हमला और लूटपाट की गई।
इस्कॉन मंदिर पर हमले
चटगांव के इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत जाने के बाद हिंदू मंदिरों पर हमले शुरू हो गए हैं। उनके अनुसार, मेहरपुर इस्कॉन मंदिर पर आधी रात को हमला हुआ और कई मंदिर अब भी खतरे में हैं।
देशव्यापी हमले
दिनाजपुर कस्बे और अन्य उपजिलों में भी हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया है। बताया जा रहा है कि करीब 10 घरों पर हमला हुआ और एक मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई।
बांग्लादेश हिंदू-बुद्ध ईसाई परिषद की प्रतिक्रिया
परिषद के महासचिव उत्तम कुमार रॉय ने खानसामा उपजिला में तीन हिंदू परिवारों पर हुए हमलों की जानकारी दी। लक्ष्मीपुर में गौतम मजूमदार ने बताया कि 200-300 से ज्यादा हमलावरों ने उनकी इमारत में आग लगा दी।
दंगाइयों का कहर
पंचगढ़, कालीगंज, और हातिबंधा सहित कई अन्य स्थानों पर हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमले किए गए हैं।
*निष्कर्ष
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा से अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है। सरकार और प्रशासन से सुरक्षा की अपील की जा रही है, जबकि कई लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।