बिहार के चर्चित बाहुबली नेता अनंत सिंह को एके-47 मामले में बड़ी राहत मिली है। पटना हाईकोर्ट ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है, जिससे अब उनकी जेल से रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे पहले, सिविल कोर्ट ने उन्हें इस मामले में सजा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उस फैसले को पलट दिया है।
मामले का पूरा विवरण
अनंत सिंह पर आरोप था कि उनके पैतृक घर से एके-47 राइफल बरामद की गई थी। यह मामला 2019 का है, जब बिहार पुलिस ने अनंत सिंह के मोकामा स्थित घर पर छापा मारा था और वहां से अवैध हथियारों की खेप बरामद की थी। इनमें एके-47 राइफल भी शामिल थी, जिसे लेकर अनंत सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे। सिविल कोर्ट ने इसी मामले में उन्हें दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी।
पटना हाईकोर्ट का फैसला
हालांकि, पटना हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं हैं, जो अनंत सिंह को दोषी ठहरा सकें। सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया, जिससे अब उनकी जेल से रिहाई की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं।
मई में मिली थी पैरोल
इससे पहले, मई 2024 में अनंत सिंह को 15 दिनों की पैरोल दी गई थी। इस दौरान उन्हें पारिवारिक कारणों से जेल से बाहर रहने की अनुमति दी गई थी। पैरोल के दौरान भी अनंत सिंह ने अपनी बेगुनाही की बात कही थी और अब पटना हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आया है।
रिहाई का रास्ता साफ
पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अनंत सिंह की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है, वहीं उनके राजनीतिक करियर के लिए भी यह फैसला महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अनंत सिंह बिहार की राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व रहे हैं और उनकी वापसी का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
सिविल कोर्ट का फैसला और उसकी चुनौतियाँ
हालांकि सिविल कोर्ट ने पहले अनंत सिंह को दोषी करार दिया था, लेकिन पटना हाईकोर्ट का यह फैसला उनके लिए बड़ी राहत लेकर आया है। यह मामला बिहार की राजनीति और कानून व्यवस्था के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है।
निष्कर्ष
अनंत सिंह को पटना हाईकोर्ट से मिली राहत न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन के लिए बल्कि बिहार की राजनीति के लिए भी एक अहम घटना है। इस फैसले के बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है, और बिहार की राजनीति में उनके भविष्य के कदमों पर भी सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।