इस मामले में प्रमुख आरोपों में यह शामिल हैं कि बृजभूषण शरण सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग किया और कुश्ती खिलाड़ियों के साथ उत्पीड़न और शोषण किया। आरोपियों ने बृजभूषण शरण सिंह पर महिला रेसलरों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगाए हैं। इसके अलावा, रेसलरों का कहना है कि उन्होंने अपनी शिकायतें उठाईं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया।
सुनवाई के दौरान, कोर्ट इन आरोपों की गहराई से जांच करेगी और सभी पक्षों की दलीलें सुनेगी। बृजभूषण शरण सिंह ने इन आरोपों का खंडन करते हुए अपनी सफाई दी है और कहा है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। उनका कहना है कि उन्हें जानबूझकर बदनाम करने के लिए ये आरोप लगाए गए हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट सभी सबूतों, गवाहियों और दलीलों पर गौर करेगी। यह निर्णय खेल और राजनीति के क्षेत्र में व्यापक प्रभाव डाल सकता है, खासकर उस समय जब भारतीय कुश्ती महासंघ और खेल प्रशासन की पारदर्शिता और ईमानदारी की जांच की जा रही है।
सुनवाई के परिणाम पर पूरी नजर रखी जा रही है और इस केस के फैसले से भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण संदेश जा सकता है।