- सिरसा,24 जुलाई : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसान व गांव की विरोधी हैं और यही वजह है कि आज घग्घर नदी व रंगोली नाले में आई बाढ़ के बाद किसानों व ग्रामीणों को संसाधन जुटाने की बजाय इनके नाम पर शासन व प्रशासन के लोग बिल बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर समय रहते सरकार बाढ़ के प्रबंध करती तो आज प्रदेश के किसानों की लाखों एकड़ खड़ी फसल बर्बाद नहीं होती । ओम प्रकाश चौटाला सोमवार को गांव पनिहारी में बाढ़ प्रभावित लोगों से मिल रहे थे । इस दौरान गांव के पूर्व सरपंच रामचंद्र ,नंबरदार गुरचरण दास ओम प्रकाश जाखड़, व दिनेश ढाका ने बाढ़ प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग न करने की बात कही और बताया कि जिला प्रशासन ने नियम कायदों को ताक पर रखकर सिरसा बरनाला रोड पर जल निकासी के लिए बने साइफन रोक दिए जिससे जहां मुसहिबवाला, पनिहारी, नेजाडेला व बुर्ज करमगढ़ के खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई वही कर्मगढ में मकानों तक में पानी घुस गया । ग्रामीणों ने ओम प्रकाश चौटाला को बताया कि उनके खेतों में लाखों रुपए की लागत से लगाए ट्यूबवेलों व मवेशियों के लिए साल भर की भंडारण की हुई तूड़ी, भूसा भी पानी की भेंट चढ़ गई जिससे आप साल भर तक मवेशियों को पालना मुश्किल हो जाएगा
- प्रकाश चौटाला ने कहा कि सरकार की सोच किसान के पक्ष की नहीं है। भाजपा के लोग तो अमीर और गरीब हिंदू और मुस्लिम सिख और ईसाई को आपस में लड़ा कर मात्र अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं । उन्होंने ग्रामीणों को बताया की परिवर्तन पदयात्रा के दौरान उन्हें कई हिस्सों में जाने का मौका मिला तो जनता ने एक ही बात बताई की खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल नहीं है । महंगाई इस कदर है कि बच्चों का पालन पोषण दुर्लभ हो गया है । प्रदेश में सड़कें टूटी पड़ी हैं सरकारी कार्यालयों में बगैर पैसे दिए कोई काम नहीं होता।
- उन्होंने कहा कि आज सरकार बाढ़ प्रबंधन के लिए सरपंचों को पैसा देने में कतरा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अगर नियत बाढ़ से डूबी फसलों की भरपाई की होती तो किसानों को पोर्टल पर ब्यौरा डालने की बात नहीं करती। उन्होंने कहा की विपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री को चाहिए कि अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए बाढ़ प्रभावित पीड़ित लोगों को तुरंत प्रभाव से मुआवजा प्रदान करें ताकि किसान पानी के सूख जाने के बाद अपनी अगली फसल की बुवाई कर सके।