नई दिल्ली, 14 सितंबर – भारतीय किसान संघ (BKS) ने सरकार द्वारा कच्चे सोयाबीन तेल, पाम तेल, और कच्चे सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20% करने के फैसले का स्वागत किया है। संघ के अखिल भारतीय महामंत्री, मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, और कर्नाटक के सोयाबीन उत्पादक किसान लंबे समय से कम दामों को लेकर आंदोलनरत थे।
पिछले मंगलवार को BKS के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी और आयात नीति में बदलाव की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा था। इस मांग को मानते हुए सरकार ने आयात शुल्क में वृद्धि की है, जिसे किसान हितैषी कदम माना जा रहा है।
मोहिनी मोहन मिश्र ने आगे कहा कि संघ ने सरकार से तिलहन और दलहन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक आयात-निर्यात नीति बनाने की भी मांग की है। इससे किसानों को उत्पादन बढ़ाने की प्रेरणा मिलेगी।
BKS ने कृषि लागत घटाने के लिए जीएसटी को खत्म करने, फसल बीमा में सुधार, जीएम बीजों का बेहतर उपयोग, कृषि अनुसंधान के बजट में वृद्धि, और किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की भी मांग की है। इसके साथ ही हल्दी बोर्ड की स्थापना और गौ आधारित कृषि को बढ़ावा देने के सुझाव भी दिए गए हैं।
देश के प्रमुख तेल उत्पादक राज्यों—मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, और कर्नाटक—में सोयाबीन के दाम बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। किसान संघ 6000 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य चाहता है। सरकार द्वारा एमएसपी पर सोयाबीन की खरीद की घोषणा भी की गई है, जो किसानों के लिए राहत भरा कदम साबित हो सकता है।
सरकार के आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले से सोयाबीन की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे किसानों को बाजार में बेहतर मूल्य मिल सकेगा।