Sunday, September 15, 2024

भारत की सामरिक शक्ति में बढ़ोतरी: जल्द कमीशन होगी दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी INS अरिघाट 

भारत जल्द कमीशन करेगा दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी INS अरिघाट, जो K-15 मिसाइलों से होगी लैस और चीन के समुद्री विस्तार पर लगेगी लगाम।”

नई दिल्ली, 11 AUGUST – भारत अपनी सामरिक क्षमताओं को और सशक्त बनाने के लिए जल्द ही अपनी दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी INS अरिघाट को कमीशन करने जा रहा है। यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बियों के बेड़े में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इसे चीन के समुद्री विस्तार को नियंत्रित करने के मद्देनजर तैयार किया गया है।

INS अरिघाट: शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक

Nuclear submarine ins arihant indian navy - India TV Hindi

INS अरिघाट एक अत्याधुनिक न्यूक्लियर पनडुब्बी है, जो भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह पनडुब्बी 750-किलोमीटर रेंज की K-15 बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस होगी, जो दुश्मन के ठिकानों पर दूर से ही सटीक निशाना साधने में सक्षम है। यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार होगी, खासकर चीन के समुद्री विस्तार को रोकने के संदर्भ में।

 सामरिक योजना: दो नई परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण

भारत ने अपनी समुद्री ताकत को और बढ़ाने के लिए दो नई परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की योजना भी तैयार की है। ये पनडुब्बियां अगले एक दशक में तैयार हो जाएंगी और भारतीय नौसेना को और भी मजबूत बनाएंगी। इन पनडुब्बियों के निर्माण से भारत की सामरिक क्षमता में वृद्धि होगी और देश के दुश्मनों को एक कड़ा संदेश मिलेगा।

चीन के विस्तारवादी कदमों पर अंकुश 

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INS अरिघाट का कमीशनिंग और नई पनडुब्बियों का निर्माण, चीन के समुद्री विस्तार और आक्रामकता पर लगाम लगाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। चीन ने हाल के वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को तेजी से बढ़ाया है, जिससे भारत और अन्य पड़ोसी देशों के लिए चुनौतियाँ पैदा हो गई हैं। भारत का यह कदम न केवल अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि चीन को भी स्पष्ट संकेत देगा कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

 निष्कर्ष

INS अरिघाट का कमीशनिंग और नई परमाणु पनडुब्बियों की योजना भारत की सुरक्षा और सामरिक शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह कदम न केवल भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को भी और मजबूत करेगा। आने वाले समय में, यह पनडुब्बी भारतीय समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

 

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