- भले ही करते रहे हुड्डा को बदनाम ले लेकिन बारंबार लिया पूर्व मुख्यमंत्री का नाम
- सिरसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के नौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली रैलियों की श्रृंखला में हरियाणा प्रदेश में आयोजित होने वाली सिरसा रैली आज कड़े सुरक्षा इंतजामात के बीच संपन्न हो गयी। आयोजित रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनवाने के साथ ही साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर जम कर निशाना साधा। यदि गृह मंत्री अमित शाह की इस रैली का सूक्ष्मता पूर्वक अध्यययन किया जाए तो प्रदेश के वर्तमान राजनैतिक समीकरण के साथ ही साथ हरियाणा में भाजपा की भविष्य की रणनीति का काफी हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है।
- अमित शाह यह अच्छी तरह से जानते हैं कि किस स्थान पर क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है। यही नहीं वे यह भी भली भांति जानते हैं कि किस समय कितना बोलना है। सिरसा में अपने संबोधन के दौरान अमित शाह की राजनैतिक चातुर्यता स्पष्ट रुप से प्रदर्शित हो रही थी। अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान देवी लाल की प्रसंशा करने में जरा भी कंजूसी नहीं की। अमित शाह इस तथ्य से भली भांति परिचित हैं कि हरियाणा में देवी लाल एक ऐसे सर्वमान्य नेता रहे हैं जिनके बारे में विरोधी भी कुछ बुरा बोलना पसन्द नहीं करते हैं। प्रदेश में उनके परिवार के धुर राजनैतिक विरोधियों द्वारा भी ओम प्रकाश चौटाला तथा अजय एवं अभय चौटाला की सार्वजनिक आलोचना अवश्य की जाती हो लेकिन किसी भी परिस्थिति में किसी भी राजनेता द्वारा चौधरी देवी लाल की आलोचना नहीं की जाती। कारण स्पष्ट है हरियाणा की जनता देवी लाल के स्वर्गवास के पश्चात आज तक उनका पूरा आदर करती है। भाजपा अध्ययन आधारित राजनीति करती है। ऐसी स्थिति में अमित शाह भला हरियाणा वासियों की भावनाओं को ठेस कैसे पहुंचा सकते थे। सिरसा लोकसभा क्षेत्र ओम प्रकाश चौटाला तथा चौटाला परिवार के गढ़ के रुप में अपनी विशेष पहचान रखता है। भले ही आज इनेलो एक नाजुक स्थिति में हो तथा प्रदेश विधानसभा में इनेलो विधायकों की संख्या इकाई में सिमट गयी हो लेकिन आज भी यहां चौटाला परिवार के समर्थकों की एक अच्छी संख्या है। हां यह अवश्य है कि आज पहले की तुलना में इनेलो समर्थकों की संख्या में काफी कमी आ चुकी है। लेकिन यह कदापि नहीं कहा जा सकता कि क्षेत्र से ओम प्रकाश चौटाला तथा उनके परिवार का प्रभाव समाप्त हो गया है। शायद यही कारण था कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इनेलो तथा ओम प्रकाश चौटाला एवं उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा गया। वैसे भी गृह मंत्री की पहली प्राथमिकता विधानसभा चुनाव नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव है। अत: क्षेत्रीय राजनीति से उपर उठ कर सर्वप्रथम वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों पर उनकी नजर बनी हुयी है। ऐसा भी हो सकता है कि मुख्य मंच पर चौधरी देवी लाल के सुपुत्र तथा भाजपा सरकार में निर्दलीय कोटे से मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की उपस्थिति के कारण गृह मंत्री अमित शाह ने चौटाला परिवार के बारे में कुछ बोलना उचित नहीं समझा हो। हां अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने भूपेन्द्र सिह हुड्डा के कार्यकाल को थ्रीडी अर्थात दरबारी दामाद और डीलरों की सरकार बताते हुए जम कर हुड्डा की आलोचना की। अमित शाह के संबोधन में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का जितनी बार नाम लिया गया उतनी बार तो उन्होंने अपने दल के भी किसी नेता का नाम नहीं लिया। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ने यह अच्छी तरह से जान लिया है कि आगामी चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला केवल और केवल कांग्रेस से ही है। अनेक राजनैतिक विश्लेषकों द्वारा यह कहा जा रहा है कि भले ही अमित शाह यहां भाजपा को मजबूत करने के लिए आए हुए थे लेकिन उन्होंने बारंबार भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का नाम लेकर उनका कद बढ़ाने का कार्य किया है। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा विरोधी कांग्रेसी नेता ध्यान दें, भारतीय जनता पार्टी की नजर में भी हरियाणा कांग्रेस में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ही सर्वाधिक ताकतवर नेता हैं।