पटवारी तो किसानों के खेतों में झांकता तक नहीं कैसे होगी गिरदावरी बर्बाद फसल की पूर्व सरपंच सिकंदर
सरकार ने किसानों की मदद नहीं की तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा, किसान रामजवन
गुरुग्राम
दिल्ली जयपुर हाईवे गुरुग्राम जिले के गांव ग्वालियर पंच गांव के किसानों ने अपना दर्द राजस्थान पत्रिका के साथ खेतों में साझा करते हुए कहा कि अगर किसानों को सरकार ने सहायता नहीं की मदद नहीं की तो किसान कर्ज के नीचे डूब जाएगा और आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगा। यह सब गवालियर पचगांव गांव के रामजीवन ने कहे। उन्होंने कहा किसान की फसल ओलावृष्टि और भारी बरसात से गेहूं सरसों और जो की फसल पूरी तरह तहस-नहस हो गई आखिरकार किसान जाए तो कहां जाए । आज किसान की रात की नींद दिन का चयन सोचने में जाता है कि आने वाले समय में बच्चों का कैसे पालन पोषण होगा।
इसी गांव के पूर्व सरपंच सिकंदर ने कहा पटवारी तो गांव में आता नहीं गिरदावरी कैसे होगी किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई जबकि सरकार ने किसानों की नष्ट हुई फसल की गिरदावरी के आदेश तो दिए। लेकिन पटवारी तो जिला के उपायुक्त से भी बड़ा है झांक कर भी नहीं देखता किसानों के खेतों की ओर दिल्ली एनसीआर में जो हरियाणा में फसल बर्बाद हुई है यहां के पटवारी किसी आईएएस अधिकारी से कम नहीं है दलालों को भेज देते हैं जिनको कुछ नहीं आता और वह मनमर्जी गिरदावरी कर कर सरकार को भेज देते हैं। पूर्व सरपंच ने अपना दर्द और किसानों की मदद को लेकर कहा कि सरकार को चाहिए प्रति एकड़ किसान को कम से कम 50 हजार का मुआवजा देकर किसानों की सहायता करें।
क्योंकि किसान अपना खून पसीना एक कर फसल के समय करीब ₹25000 पर एकड़ पर खर्च करता है जिससे उसकी फसल उगाई जा सके लेकिन भगवान के सामने किसी की नहीं चलती भगवान ने किसानों की फसल की कटाई के समय भारी बरसात से पूरी फसल को बर्बाद कर दिया।
घर की रसोई चलाने वाली महिलाओं ने कहा कि वे घर की रसोई के साथ-साथ खेतों में भी अपने परिवार के साथ काम करती हैं लेकिन यह समय सरसों की कटाई का चल रहा है और गेहूं की फसल भी कटाई के नजदीक है मगर बरसात ओलावृष्टि ने पूरी तरह से सरसों की फसल को तो नष्ट कर दिया कटी हुई फसल में पानी भरा हुआ है जिससे किसान की 6 महीने की मेहनत पूरी तरह से बर्बाद होगी तो हमें घर चलाने में अब सबसे अधिक परेशानी होगी आखिरकार घर का खर्चा कैसे चलेगा आजकल कोई किसान को कर्ज भी नहीं देता क्योंकि किसान की फसल कब नष्ट हो जाए किसी को नहीं पता सरकार ने भी किसान की तरफ से मुंह मोड़ रखा है।