गुरूग्राम, 12 जून।
मच्छरों और रोगाणुओं के कारण होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड फीवर सर्वे का अभियान चलाया हुआ है। हर माह के पहले दस दिन तक जिला के सरकारी अस्पतालों में बुखार से पीडि़त मरीजों की जांच की जाती है और घरों, कारखानों, खाली भूखंडों में जमा पानी में पनप रहे मच्छरों के लारवा को खत्म किया जा रहा है।
सीएमओ डा. विरेंद्र यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पहला रैपिड फीवर सर्वे मई माह में एक से दस तारीख तक किया गया था। इस दौरान विभाग की टीमों ने तीन लाख से अधिक घरों में जाकर बुखार के 5151 मामलों की स्क्रीनिंग की और मरीजों की रक्त जांच के लिए स्लाइड बनाईं। दूसरा सर्वेक्षण इस महीने एक से दस तारीख तक किया गया था। इस सर्वे में टीमों ने 3 लाख 13 हजार 137 घरों का दौरा किया और 5319 बुखार के मामलों की जांच की। इस दौरान कोई भी मलेरिया पॉजिटिव नहीं निकला। सीएमओ ने बताया कि जून माह को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया जा रहा है।
अब तक डेंगू की जांच के लिए 360 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 6 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। जिस मकान या फैक्ट्री में मच्छर का लारवा मिला है, ऐसे 785 भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए गए हैं। जलभराव वाले स्थानों पर गंबूजिया मछली छोड़ी गई हैं, ताकि मच्छर खत्म हो जाएं। सभी निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे डेंगू की जांच के लिए मरीज से 600 रुपये से अधिक शुल्क ना लें। जीएमडीए के सहयोग से जहां बुखार के मरीज पाए गए हैं, उन स्थानों की जीआईएस से मैपिंग करवा कर फोगिंग करवाई जा रही है।
अपने आसपास वातावरण को साफ रखें, जलभराव ना होने दें-सीएमओ
सीएमओ ने कहा कि हर संडे को नागरिक ड्राई डे के रूप में मनाएं तथा सरकारी कार्यालयों में शुक्रवार को ड्राई डे रखा जाए। इस दिन कूलर, पुराने टायर, पानी की टंकी तथा कमरों, अलमारियों की सफाई करें। अपने आसपास के वातावरण को नागरिक स्वच्छ रखें तो बीमारियों से बचा जा सकता है।