- मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को हरियाणा में उद्योग लगाने के लिए किया आमंत्रित
- हरियाणा में राज्य सरकार ने उद्योगों के लिए बनाया अनुकूल वातावरण, सभी प्रकार की अनुमति 45 दिन में मिलती है
- भाईचारे, त्याग और समर्पण की शिक्षा गुरुओं से ही मिली है, जो अब भी समाज में प्रासंगिक
चंडीगढ़, 31 मार्च|
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सिख बिजनेस लीडर्स ऑफ इंडिया पुस्तक का विमोचन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए उद्योगपतियों को हरियाणा में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि हरियाणा में राज्य सरकार ने के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है सरकार की ओर से बहुत सी सुविधाएं दी जा रही हैं.
उन्होंने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा में आकर व्यापार करेंगे तो उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी. सरकार ने सिंगल रूम सिस्टम बनाया है, जिसके तहत उद्योगों को मिलने वाली सभी प्रकार की अनुमति 45 दिन में मिल जाती है. इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने प्रदेश में 4 श्रेणियां ए बी सी और डी बनाई हुई हैं. यदि श्रेणी सी और डी जोन में उद्योग स्थापित करेंगे तो 4000 रुपये प्रति वर्कर प्रति माह अगले 4 सालों तक हरियाणा सरकार प्रतिपूर्ति करेगी.
मनोहर लाल ने कहा कि सिख समाज का प्रदेश, देश और दुनिया में भी एक बहुत बड़ा योगदान है. यह समाज कर्मशील समाज है और इन्होंने संघर्ष करके अपने व्यापार, अपने परिवार, देश और समाज को आगे बढ़ाने का काम किया है. इसके साथ ही जो गरीब है, जो किसी कारण से मुख्यधारा से पीछे रह गए हैं, उनको आगे बढ़ाने के लिए भी सेवाभाव से काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दशम पातशाही के समय देश में जो हालात थे, उस समय देश गुलामी की जिंदगी जी रहा था. अपने आप को उजागर करने या अपनी बात कहने और स्वाभिमान से जीने का मौका नहीं था. उस समय गुरु नानक देव जी ने भक्ति आंदोलन शुरू किया. उसके बाद कई कथावाचकों ने भी लोगों में भक्ति भाव पैदा करके लोगों को मजबूत करने का काम किया. दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का समय जब आया तब यह महसूस हुआ कि भक्ति भाव के बाद शक्ति मार्ग का भी उपयोग करना पड़ेगा. शक्ति का प्रयोग करके दुश्मनों को हराकर आगे बढ़ना होगा.
बाबा बंदा सिंह बहादुर ने लोहगढ़ में बनाई राजधानी, पहली बार कृषि सुधार कानून भी यहीं हुआ लागू किया था
मनोहर लाल ने कहा कि जब गुरू गोबिंद सिंह जी की बाबा बंदा सिंह बहादुर से मुलाकात हुई और उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में आपकी जरूरत है, जहां जनता पर मुगलों द्वारा अत्याचार किए जा रहे हैं. मुगलों के खिलाफ लड़ने के लिए एक सेनापति चाहिए, जिस पर बाबा बंदा सिंह बहादुर खरे उतरे और आपने आपको अजेय मानने वाले मुगलों को भी लगा कि उनका लोहे के चने चबवाने वाले सेनापति से मुकाबला हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सोनीपत जिले के खंडा शेरी गांव से युवाओं को एकत्र कर सेना की शुरुआत की थी और इस प्रकार विभिन्न स्थानों का दौरा कर एक सेना खड़ी की और लोहगढ़ को सिख राज की पहली राजधानी बनाया. पहली बार कृषि सुधार का कानून भी उन्होंने ही लागू किया था.
भाईचारे, त्याग और समर्पण की शिक्षा गुरुओं से ही मिली है, जो अब भी समाज में प्रासंगिक
गुरु तेग बहादुर जी द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान की कहानी को सांझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भाई जैता जी गुरु तेग बहादुर जी के शीश को आनंदपुर साहिब ले जाते हुए सोनीपत पहुंचे, उस समय मुगलों की सेना से बचने के लिए सोनीपत के गांव बड़खालसा के भाई कुशाल सिंह ने भाई जैता जी को अपने सिर की पेशकश करते हुए कहा था कि उनकी शक्ल गुरु जी से मिलती है, तो मेरे सिर को मुगलों की सेना को सौंप दें ताकि गुरु तेग बहादुर जी के शीश को आनंदपुर साहिब ले जाया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाई कुशाल सिंह के इस महाबलिदान को सदैव याद रखा जाएगा और उनकी याद में राज्य सरकार ने बढ़खालसा में भाई कुशाल सिंह की प्रतिमा स्थापित की है तथा मैमोरियल भी बनाया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में गुरुओं की बहुत सी निशानियां हैं. हरियाणा गुरुओं का कर्म क्षेत्र रहा है. भाईचारे, त्याग और समर्पण की शिक्षा गुरुओं से ही मिली है, वह अब भी समाज में प्रासंगिक है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने किए सराहनीय कार्य- सरदार त्रिलोचन सिंह
कार्यक्रम में पूर्व सांसद सरदार त्रिलोचन सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हरियाणा सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा बनने के बाद सिख इतिहास के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सबसे ज्यादा काम हुए हैं.
उन्होंने कहा कि हम सब बाबा बंदा सिंह बहादुर के गुण गाते रहे, लेकिन उनकी यादगार में कोई निशानी बनाने की कभी नहीं सोची. लेकिन मनोहर लाल ने बाबा बंदा सिंह बहादुर जहां राज करते थे, उनकी राजधानी में ही उनकी यादगार में ऐतिहासिक स्मारक बनाया है. बाबा बंदा सिंह बहादुर का इतिहास पुनर्जीवित करने में मुख्यमंत्री मनोहर लाल का अहम योगदान है.
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुए कई अतुलनीय काम-कर्मजीत सिंह
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष कर्मजीत सिंह ने कहा कि सिख धर्म और पंजाबी भाषा के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में अतुलनीय काम किए हैं. उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर के साथ शहीद होने वाले परिवार के वंशज हैं मुख्यमंत्री. बाबा बंदा सिंह बहादुर के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने अलग फाउंडेशन भी बनाया है.