गुरुग्राम:यदि जाने अनजाने में भी कोई व्यक्ति अमृत कुंड में एक बार गिर जाए तो वह अमर हो जाता है इसी प्रकार यदि अनजाने में भी भगवान का नाम लिया जाए तो वह अमरत्व को प्राप्त हो जाता है.
यह उद्गार महामंडलेश्वर श्री 1008 साध्वी आत्म चेतना ने प्रकट किये। वह स्थानीय गुफा वाले शिव मंदिर में श्री खाटू बाबा की मूर्ति स्थापना के अवसर पर बोल रही । उन्होंने कहा कि दुख का कारण हमारे अपने ही कर्म हैं जिन्हें हमें भुगतना ही है। जब दुख ही नहीं आएंगे तो कर्म कैसे कटेंगे। जिस प्रकार एक छोटे बच्चे को उसकी माता साबुन से मल-मल कर नहलाती है, जिससे बच्चा रोता है लेकिन मां जब तक उसका मैल न छूट जाए तब तक उसे रगड़ती रहती है। वह किसी द्वेष भाव से नहीं करती। लेकिन बच्चे को इसकी समझ नहीं है इसलिए वह रोता भी है .इसी तरह हमको दुख देने से परमेश्वर को कोई लाभ नहीं है, लेकिन हमारे पूर्व जन्मों के कर्म काटने के लिए हमकों को पापों से बचाने के लिए वह हमको दुख देता है। इसलिए दुख से निराश न होकर हमें प्रभू से मिलने के बारे में विचार करना चाहिए. साध्वी ने कहा कि प्राणी को नित्य सुख और आनंद की प्राप्ति के लिए जीवन से कामनाओं का अंत करना चाहिए। क्योंकि कामना में जीवन भूख प्रधान बनकर जीवन में दुख, अभाव और अशांति उत्पन्न करता है. कामनाओं से छुटकारा तभी मिलेगा, जब हमारी सांसारिक वस्तुओं से आशक्ति समाप्त हो जाए और यह 2 ही स्थितियों में संभव है। या तो मृत्यु से या फिर त्याग से विदित है कि स्थानीय गुफा वाले शिव मंदिर में श्री श्याम दीवाने मंडल और गुफा वाले शिव मंदिर सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में श्री खाटू नरेश की मूर्ति की स्थापना की जा रही है. इस अवसर पर दिनांक 24 मई को ध्वजा यात्रा एवं 25 मई को प्रातः 9:00 श्याम बाबा की मूर्ति की स्थापना की जाएगी एवं शाम को अमृत मयी कीर्तन एवं भंडारे का आयोजन किया गया है। प्रसिद्ध विद्वान पंडित लोकेंद्र शास्त्री ने बताया कि आज बाबा की मूर्ति को अन्न सैया कराया गया है एवं कल घृत,पुष्प , एवं द्रव्य सैया करवाई जाएगी। अगले दिन प्रातः बाबा की मूर्ति कीप्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.