रकुलप्रीत सिंह ने हाल ही में नेपोटिज़्म (भाई-भतीजावाद) पर खुलकर बात की है और बताया कि उन्हें भी इस वजह से कई फिल्मों से वंचित होना पड़ा। एक इंटरव्यू के दौरान, रकुलप्रीत ने खुलासा किया कि इंडस्ट्री में अपनी मेहनत और टैलेंट के बावजूद, वे कई बार फिल्में खो चुकी हैं और उन्हें यह महसूस हुआ कि कुछ अवसर उन्हें नेपोटिज़्म के कारण नहीं मिले।
रकुलप्रीत ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म का प्रभाव केवल उनके लिए नहीं बल्कि कई अन्य कलाकारों के लिए भी है। वे मानती हैं कि कई बार प्रतिभाशाली लोग भी उचित अवसर नहीं पा पाते हैं, और यह स्थिति पूरे उद्योग के लिए चिंता का विषय है।
जब रकुलप्रीत से पूछा गया कि क्या वे अपने बच्चों को फिल्म इंडस्ट्री में मदद करेंगी, तो उन्होंने इस पर खुलकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपने बच्चों को हर संभव मदद देने में विश्वास करती हैं, लेकिन इस मदद को लेकर उनका दृष्टिकोण व्यावसायिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित रहेगा। उनका मानना है कि बच्चों को सफलता की ओर ले जाने के लिए उन्हें अपनी मेहनत और क्षमता पर भरोसा करना चाहिए। रकुलप्रीत ने यह भी कहा कि वे चाहेंगी कि उनके बच्चे भी अपने बलबूते पर अपनी जगह बनाएं और न कि केवल उनके समर्थन पर निर्भर रहें।
रकुलप्रीत ने नेपोटिज़्म को समाप्त करने और सभी प्रतिभाशाली व्यक्तियों को समान अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में सभी को अपनी प्रतिभा और मेहनत के आधार पर मौके मिलने चाहिए, न कि केवल परिवारिक संबंधों के कारण।
इस बयान के माध्यम से, रकुलप्रीत ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने बच्चों को फिल्मों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेंगी, लेकिन उन्हें अपनी मेहनत और योग्यता के आधार पर सफल होने की प्रेरणा भी देंगी। उन्होंने यह भी बताया कि नेपोटिज़्म के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और सभी को मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयास करने चाहिए।