अब अपनों से पहले चुनाव में दो दो हाथ करने पड़ेंगे पढ़ेंगे
नई दिल्ली,जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी गई इस समय से ही जिन प्रत्याशियों के नाम पहली सूची में नहीं है वह बागी हो गए और उन्होंने अपनी पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने की घोषणा तक कर दी जिससे भाजपा को अब अपनों से पहले चुनाव में दो दो हाथ करने पड़ेंगे पढ़ेंगे। राजस्थान में कई बागी नेताओं ने तो लोकसभा चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया और विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के खिलाफ जमकर विरोध करने का फैसला लिया वही भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अपने बागी नेताओं को समझने में लगा हुआ है लेकिन भाजपा से भाग हुए नेता अब भाजपा की ओर जाने के लिए तैयार नहीं है जिससे राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ी मुश्किल बनती जा रही है।
सूत्रों के मन 41 सीटों में से करीब 20 से अधिक ऐसी हैं जिन पर दावेदार और उनके समर्थक विरोध में उतरा है इनमें जयपुर की तिजारा ,झोटवाड़ा किशनगढ़ ,डूंगरपुर , कोटपूतली, झुंझुनू सहित कई सीटें शामिल है।
जयपुर मुख्यालय पर भी भाजपा के पूर्व समर्थकों का हो रहा लगातार जमावड़ा किया जा रहा है
जयपुर में भाजपा कार्यालय के समक्ष जिन प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिली उनके समर्थक और स्वयं वह लगातार भाजपा का विरोध कर रहे हैं जिसके चलते भाजपा हाई कमान भी सक्रिय हो गई है डैमेज कंट्रोल के लिए केंद्रीय मंत्री को नियुक्त किया गया है चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक के अलावा केंद्र में मंत्री सांसद रूठे हुए कार्यकर्ताओं को मनाने का प्रयास कर रहे हैं।
राजस्थान के तिजारा से पूर्व विधायक मामन यादव ने अपने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं झोटवाड़ा से पूर्व मंत्री राजपाल, देवली उनियारा से राजेंद्र गुर्जर, किशनगढ़ से विकास चौधरी के चुनाव लड़ने के संकेत, नगर अनिल सिंह, के अलावा विधानसभा की कई सीटों पर भाजपा समर्थक और भाजपा प्रत्याशी आमने-सामने हो सकते हैं।