मेरी टिकट कटवाने के लिए कई नेता सक्रिय हैं
कभी सरकार में भ्रष्टाचार नजर आता है तो कभी पार्टी के नेता उनके दुश्मन बने हुए हैं
गुरुग्राम। हरियाणा के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राव नरवीर सिंह ने हाल ही में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि यदि उन्हें अपनी परंपरागत बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिली, तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। यह बयान उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं की ओर से टिकट काटने की गतिविधियों को लेकर जारी किया है।
राव नरवीर सिंह की नाराजगी की वजह
राव नरवीर सिंह ने भाजपा के भीतर असंतोष की लहर पैदा की है। उनके अनुसार, भाजपा के बड़े नेता उनकी टिकट काटने के लिए सक्रिय हैं, और यही वजह है कि वे पार्टी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दे रहे हैं। सिंह का कहना है कि अगर भाजपा उन्हें टिकट नहीं देती, तो भी वे चुनावी मैदान में उतरेंगे।
सिंह का मानना है कि बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता अभी भी उन्हें पसंद करती है और वे चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वे किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ेंगे या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे।
भाजपा के मंत्री पद के दिनों की यादें
राव नरवीर सिंह ने भाजपा के मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री काल में पांच वर्षों तक कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया था। बावजूद इसके, उन्हें 2019 में टिकट नहीं मिला, और यही असंतोष अब तक उनकी नाराजगी का कारण बना हुआ है।
भाजपा से टिकट न मिलने की निराशा और पार्टी की नीतियों के खिलाफ उनकी शिकायतें इस बात को दर्शाती हैं कि सिंह की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और आत्म-विश्वास अभी भी बरकरार है। वे बार-बार भाजपा के नेताओं और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए जनता से समर्थन मांग रहे हैं।
बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता राव नरवीर को चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन राव नरवीर किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे यह तो समय ही बताएगा लेकिन वह अभी समय भाजपा के खिलाफ आग बबूला है कभी सरकार में भ्रष्टाचार नजर आता है तो कभी पार्टी के नेता उनके दुश्मन बने हुए हैं
भविष्य की राह
राव नरवीर सिंह की नाराजगी और भाजपा के खिलाफ जारी बयानबाजी इस बात को स्पष्ट करती है कि वे राजनीतिक संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनकी भविष्य की राजनीति पर नजर रखना दिलचस्प होगा, खासकर यह देखने में कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ते हैं या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरते हैं।
इस समय भाजपा और राव नरवीर सिंह के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान ने हरियाणा की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि राव नरवीर सिंह का राजनीतिक भविष्य कैसा होता है और क्या वे अपनी योजनाओं को वास्तविकता में बदल पाते हैं।