नई दिल्ली, 06 दिसंबर 2025
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत दौरे पर पहुंचे और नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुए India–Russia Business Forum में ऐतिहासिक बयान दिए।
- की पुतिन ने आखिर क्या कहा?
- यह भारत-रूस रिश्तों के लिए कितना अहम है?
- और दुनिया के लिए इसका क्या संदेश है?
सबसे पहले, पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की खुलकर तारीफ की।
उन्होंने कहा: भारत एक Independent और Sovereign Policy चला रहा है — और इसके नतीजे दुनिया देख रही है। पुतिन का यह बयान इस बात का संकेत है कि रूस भारत को सिर्फ एक साझेदार नहीं बल्कि वैश्विक शक्ति के रूप में देख रहा है।
आगे पुतिन कहते है भारत-रूस रक्षा सहयोग सिर्फ “खरीद-फरोख्त” नहीं है, बल्कि technology sharing का मॉडल है।
रूस भारत को मिसाइल, नेवी, एयरक्राफ्ट और रक्षा तकनीकों में Direct Access दे रहा है। इस बयान को विशेषज्ञ भारत की रणनीतिक ताकत और आत्मनिर्भर रक्षा योजनाओं के लिए बड़ा कदम मान रहे हैं।
इसके बाद पुतिन ने ऊर्जा सप्लाई को लेकर एक बड़ा आश्वासन देते हुए कहा रूस भारत को ईंधन और ऊर्जा की uninterrupted supply देता रहेगा। यानी चाहे दुनिया में प्रतिबंध हों, राजनीतिक दबाव हो या आर्थिक संकट — भारत की ऊर्जा सुरक्षा रूस की प्राथमिकता रहेगी। पुतिन ने इस फोरम को सिर्फ meeting नहीं बल्कि नई रणनीतिक शुरुआत बताया।
उन्होंने कहा कि अब रिश्ता सिर्फ तेल-गैस तक सीमित नहीं रहेगा — बल्कि:
- Manufacturing
- Technology
- Clean Energy
- Trade
- Investment
- Space और Nuclear Cooperation जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार होगा।
साथ ही, दोनों देशों ने 2030 तक व्यापार चार गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। पुतिन का हर बयान इस बात का संकेत है कि यह साझेदारी किसी देश के खिलाफ नहीं है — बल्कि Mutual Growth, Trust और Global Power Strategy पर आधारित है। भारत-रूस संबंध बहुपक्षीय और मजबूत हैं और किसी के खिलाफ नहीं हैं। पुतिन का यह दौरा सिर्फ diplomatic visit नहीं, बल्कि India-Russia relations की नए शुरुआत माना जा रहा है। और आने वाले समय में रक्षा उत्पादन, ईंधन आपूर्ति, व्यापार विस्तार और तकनीकी सहयोग—इन्हीं क्षेत्रों में भारत और रूस नई साझेदारी को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं जो भारत के global power status को और मजबूत करेंगे।
