- बेशकीमती जमीन को गुपचुप तरीके से लंबी लीज पर अलॉट करने की प्लानिंग
- शहरों में प्राइम लोकेशन पर है रेलवे की भूमि, मॉल, अस्पताल व स्कूल बनेंगे
- रेलवे राज्य सरकारों को आंवटित करें बेशकीमती जमीन: सैलजा
चंडीगढ़, 18 अगस्त
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने देशभर में रेलवे की जमीन को प्रधानमंत्री के व्यवसायी मित्रों को सौंपने की तैयारी कर ली है। इन जमीनों को इन मित्रों को बेचने की बजाए औने-पौने दामों में लंबी अवधि की लीज पर अलॉट करने की प्लानिंग है। प्राइम लोकेशन पर मौजूद इस जमीन पर ये व्यवसायी मॉल, अस्पताल, स्कूल बनाएंगे, जहां देश के लोगों की जेब ढीली की जाएगी। अच्छा हो कि केंद्र सरकार इन बेशकीमती जमीन को राज्य सरकारों को आवंटित कर दे ताकि सरकार वहां पर स्कूल, अस्पताल आदि खोल सके।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि रेलवे ने गुपचुप तरीके से अपनी अधिकतर जमीन को कॉमर्शियल उपयोग में लाने का खाका तैयार कर लिया है। रेलवे के पास देशभर में लगभग 62 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसी जमीन को लीज पर देने की तैयारी है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, मॉल, बाजार, रेस्तरां आदि बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर यह जमीन दी जानी है। इसके लिए रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण ने अपनी प्लानिंग को अंतिम रूप दे दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा से साफ है कि इस जमीन पर आपसी मिलीभगत से बड़े व्यवसायियों को काबिज किया जाएगा क्योंकि, रेलवे इस जमीन को बेचने की कोशिश करता तो फिर इसका बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो जाता, इसलिए बीच का रास्ता निकालते हुए लीज पर देने का फैसला लिया है। यह लीज 99 साल के लिए रहेगी, जिसका मतलब साफ है कि एक बार किसी को अलॉट हो गई तो उससे कोई खाली भी नहीं करवा पाएगा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि शहरों में राज्य सरकारों के पास जमीन का अभाव है और अक्सर वे महंगी जमीन का हवाला देते हुए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि को खोलने से इंकार कर देते हैं। ऐसे में रेलवे को चाहिए कि वह अपनी जमीन राज्य सरकारों को उपयोग के लिए दे, ताकि इस पर स्थानीय लोगों की जरूरत के मुताबिक विकास किया जा सके पर इसके विपरित यह जमीन कॉरपोरेट व बड़े व्यवसायियों को देने के पीछे की मंशा साफ नजर आ रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस जमीन को खुर्द-बुर्द करने की शुरुआत फिलहाल छोटे व मंझोले शहरों से हो चुकी है और इसके बाद बड़े शहरों का नंबर आएगा। बड़े व्यवसायी इस जमीन को हथियाकर कई गुणा मुनाफा कमाएंगे, क्योंकि सांठगांठ कर वे प्राइम लोकेशन की जमीन हासिल कर लेंगे। इस पर स्कूल, कॉलेज की फीस बहुत महंगी रहेगी, जबकि अस्पताल में इलाज साधारण, गरीब आम आदमी के लिए उपलब्ध नहीं होगा।