नई दिल्ली:20 aug- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार, कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्री ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है, जिसमें लेटरल एंट्री के तहत जारी किए गए विज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
यह कदम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हाल ही में की गई एक समीक्षा बैठक के बाद उठाया गया है, जिसमें लेटरल एंट्री के वर्तमान प्रक्रिया की पुन: जांच और सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। लेटरल एंट्री का उद्देश्य विशेषज्ञता और अनुभव को सरकारी तंत्र में लाना है, जिससे विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में कार्यकुशलता में सुधार हो सके।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा का सुझाव दिया, ताकि सरकार में नियुक्तियों के लिए अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके। प्रधानमंत्री का मानना है कि लेटरल एंट्री प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाने के लिए कुछ सुधारों की जरूरत है।
कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्री ने UPSC के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि इस समय जारी सभी लेटरल एंट्री विज्ञापनों को तुरंत रद्द कर दिया जाए और नई प्रक्रिया के लिए दिशा-निर्देशों को फिर से तैयार किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि लेटरल एंट्री के लिए नए मानदंड और प्रक्रियाएं जल्द से जल्द तैयार की जाएंगी, जिससे योग्य और अनुभवी पेशेवरों को सरकारी सेवाओं में शामिल किया जा सके।
UPSC के सूत्रों के मुताबिक, आयोग इस पत्र का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करेगा और जल्द ही लेटरल एंट्री के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। सरकार का यह कदम सरकारी सेवा में योग्यता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
**निष्कर्ष:**
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद, लेटरल एंट्री के लिए जारी विज्ञापनों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार अब इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नए दिशा-निर्देशों पर काम करेगी। इससे न केवल सरकारी तंत्र में सुधार होगा बल्कि अधिक कुशल और योग्य पेशेवरों की नियुक्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी।