जिस न्यायधीश के घर में 18000 रूपये ईडी को मिले, उसके लिए इधर-उधर घूम रही है ईडी
- गुरुग्राम,14 अगस्त : सुधीर परमार पूर्व पंचकूला सीबीआई के न्यायाधीश की गिरफ्तारी से जहा हरियाणा प्रदेश के पूर्व न्यायाधीशो में गुस्सा है तो वही अब ज्यूडिशरी की कर्मचारी के साथ वकीलों की बार एसोसिएशन की ओर से भी ईड़ी के विरोध में आवाज उठने लगी है। गुरुग्राम बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज बातचीत ने बातचीत करते हुए कहा जिस न्यायाधीश के घर पर अचानक छापामारी होती है और उसके घर में घर के खर्चे के लिए मात्र ₹18000 मिलते हैं ऐसे न्यायधीश को भ्रष्ट कहना सही नहीं है जिस न्यायाधीश के लिए प्रदेश की 17 से 20 बार एसोसिएशन समर्थन में उतर आए तो सरकार को या अंदाजा लगा लेना चाहिए कि यह न्यायाधीश भ्रष्ट नहीं है इसके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है लेकिन यह षड्यंत्र अधिक समय तक नहीं चलेगा।
- उन्होंने कहा अगर सुधीर परमार पूर्व न्यायाधीश भ्रष्ट थे तो पद पर रहते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की गई उस समय भी ईडी स्वतंत्र थीं लेकिन इस पूरे मामले में राजनीतिक बदबू आ रही है उन्होंने कहा जो अधिकारी न्यायाधीश ईमानदारी से काम करेंगे उनको परेशानी जरूर आती है लेकिन कुछ समय के लिए उन्होंने हरियाणा की एक कहावत को दोहराते हुए कहा जब पिंजरे में शेर बंद हो जाता है तो उस पर हर व्यक्ति उंगली उठाने लगता है ।
- महिला सीनियर एडवोकेट अर्चना चौहान ने कहा ईडी द्वारा 6 दिन के लिए पूर्व न्यायाधीश को डिमांड पर लिया हुआ है लेकिन हरियाणा प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन यह जानना चाहती है की पूर्व न्यायाधीश से क्या बरामद की गई, कितने करोड रुपए बरामद किए गए और नहीं किए गए, उन्हें नाजायज क्यों परेशान किया जा रहा है। चौहान ने कहा की प्रदेश में सभी बार एसोसिएशन का एक मत है की ईमानदार छवि के न्यायाधीश की छवि को खराब करने का प्रयास किया है इसलिए संगठन उनके साथ खड़ी है। अर्चना चौहान ने कहा बिना जांच हुए ही कुछ भी लिखा जा रहा है, कुछ भी बोला जा रहा है जबकि ईडी की तरफ से अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है कि सुधीर परमार ने क्या जानकारी दी है।
- गुरुग्राम बार के पूर्व सचिव सीनियर एडवोकेट अरुण शर्मा का कहना है, ईमानदारी कुछ समय के लिए परेशान हो सकती है लेकिन हमेशा के लिए नहीं, प्रदेश की जनता जानती है किसके इशारे पर हरियाणा का विजिलेंस विभाग केंद्रीय एजेंसियां कम कर रही है लेकिन पूर्व न्यायाधीश सुधीर परमार अगर भ्रष्ट होते तो उनकी विदेशों में संपत्ति होती बसों से पंचकूला नहीं जाते। इसकी जानकारी ईडी को भी है लेकिन इसमें राजनीति गोलमेल किया जा रहा है, कुछ समय का खेल है फिर सही हो जाएगा।
- गौरतलब होकि हरियाणा प्रदेश में आईएएस पूर्व आईएएस अधिकारी भी धीरे-धीरे सरकार से दूरी बनाने लगे हैं, हरियाणा प्रदेश में आईएएस और आईपीएस के बीच धीरे-धीरे टकराव बनने लगा है। दो सीनियर आईएएस पर विजिलेंस की जांच के साथ गिरफ्तारी की भी तलवार लटकी हुई है, वही एक आईएएस 3 महीने जेल में बिता चुका है उसके बाद जमानत पर है पहली बार देखा जा रहा है किस सरकार में आईएएस और आईपीएस के बीच बड़ा टकराव होने जा रहा है।