- हरियाणा के 3 से 6 वर्ष तक के नन्हे-मुन्हे अब बन रहे स्मार्ट
- आगामी 2 वर्षों में 4 हजार आगनबाड़ी केंद्रों को प्ले वे स्कूल बनाया जायेगा- मुख्यमंत्री मनोहर लाल
- नई शिक्षा नीति में भी प्री-नर्सरी शिक्षा का प्रावधान किया गया है अनिवार्य
- सरकारी प्ले वे स्कूलों में दी जा रही उच्च दर्जे की प्री-स्कूल शिक्षा
चंडीगढ़, 22 अक्तूबर
सतत विकास के वैश्विक लक्ष्य 4.2 के अनुसार सभी बच्चों के बचपन की शुरुआत में उन्हें उत्तम विकास, सही देखभाल, और उच्च दर्जे की प्री-स्कूल शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए जिससे वे प्राइमरी शिक्षा के लिए तैयार हो सके। इस लक्ष्य को पूरा करने में भारत सरकार के दृढ़ संकल्प की दिशा में हरियाणा सरकार काफी तेजी से आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्री-नरसरी शिक्षा का प्रावधान और इसी कड़ी में आगामी 2 वर्षो में राज्य के 4 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूलों में बदला जायेगा। अब तक प्ले स्कूलों में लगभग 40 हजार बच्चे दाखिला ले चुके हैं जहां उन्हें खेल-खेल में शिक्षा के साथ उनके मानसिक विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस योजना को मुख्यतः तीन चरणों में बांटा गया जिसके प्रथम चरण में स्टेट रिसोर्स ग्रुप तैयार किए गए हैं । प्रत्येक जिले से एक बाल विकास परियोजना अधिकारी, एक शिक्षा विभाग के प्रवक्ता एवं दो पर्यवेक्षकों को मिलाकर एक टीम का गठन किया गया जिन्होंने स्वयं अभ्यास कक्षाएं चलाने के पश्चात अगले स्तर का प्रशिक्षण लिया। इस योजना के दूसरे चरण में हरियाणा प्रदेश के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के द्वारा स्वयं कक्षाएं चलाकर देखी गई और तीसरे चरण में इन्हीं अधिकारियों द्वारा 25,962 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया ताकि वह यह जान सके कि बच्चों को कैसे व किस माध्यम से पढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सभी प्ले स्कूलों को इंडोर व आउटडोर सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। समय-समय पर कार्यकर्ताओं द्वारा पेरेंट्स मीटिंग यानी पीटीएम भी की जा रही है जिसमें बच्चों की प्रगति व सुधार के विषय पर चर्चा की जाती है। आगामी 2 वर्षों में और 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूलों में बदलने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कार्य शुरू किया जा चुका है । हरियाणा सरकार यह सुनिश्चित कर रही है की हरियाणा में सभी बच्चों को उच्च दर्जे की प्री-स्कूल शिक्षा प्राप्त हो, उनका भविष्य उज्जवल हो और वे देश की उन्नति में भागीदार बन सकें।