हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है, और इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। आज हिसार में संयुक्त किसान मोर्चा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेगा। किसान आंदोलन के दौरान मोर्चा ने केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया था, और अब यह संगठन बीजेपी के खिलाफ राज्य में चुनावी प्रचार में उतर रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कृषि कानूनों के जरिए किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान आंदोलन चला। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा तीनों विवादित कृषि कानून वापस ले लिए गए, लेकिन किसान संगठनों का मानना है कि बीजेपी ने किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं किया है। इसीलिए अब SKM हरियाणा चुनावों में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कर रहा है।
हिसार की रैली के जरिए संयुक्त किसान मोर्चा का उद्देश्य किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को लामबंद करना है। इस रैली में किसानों की समस्याओं, जैसे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, बिजली बिल, कर्ज माफी, और ग्रामीण विकास के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। SKM के नेता बीजेपी सरकार की कृषि नीतियों और किसान विरोधी फैसलों को निशाना बनाते हुए अपनी रणनीति पेश करेंगे।
किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा के किसानों ने बड़ी संख्या में आंदोलन में हिस्सा लिया था, और राज्य में इसका असर व्यापक रहा। हिसार समेत कई जिलों में किसान आंदोलन की यादें ताजा हैं, और SKM इस आंदोलन की भावना को चुनावी मैदान में भुनाने की कोशिश करेगा। किसान नेताओं का मानना है कि बीजेपी के खिलाफ आक्रोश को चुनावी समर्थन में तब्दील किया जा सकता है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने चुनावों में सीधे तौर पर किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है, लेकिन बीजेपी को हराने के लिए सक्रिय प्रचार करेगा। इसके तहत SKM किसान हितैषी उम्मीदवारों को समर्थन देने की रणनीति पर काम कर रहा है। हिसार की रैली के बाद SKM पूरे राज्य में किसान सभाओं और जन संपर्क अभियानों के जरिए बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाएगा।
हिसार में आज होने वाली यह रैली हरियाणा चुनावों में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है। किसान आंदोलन के बाद से SKM की पकड़ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत हुई है, और इस रैली के जरिए SKM यह संकेत देने की कोशिश करेगा कि किसान अब भी संगठित हैं और बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हैं।
आने वाले दिनों में SKM की गतिविधियां राज्य के चुनावी समीकरणों को किस हद तक प्रभावित करती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।