गुरुग्राम, मेवात: 13 AUGUST हरियाणा के गुरुग्राम और मेवात में किसान आंदोलन एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। किसान नेता रवि आजाद ने सोहना आईएमटी औद्योगिक क्षेत्र में किसानों को संबोधित करते हुए हरियाणा पुलिस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सादा वर्दी में तैनात पुलिस जवानों को आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
रवि आजाद के इस बयान पर मौके पर मौजूद मेवात पुलिस के डीएसपी ने कड़ी आपत्ति जताई और किसान नेता से ऐसी “गलत बयानबाजी” बंद करने की अपील की। डीएसपी ने साफ किया कि पुलिस अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है और किसी भी प्रकार की राजनीति से उसका कोई संबंध नहीं है।
किसानों के बीच आक्रोश और सरकार पर निशाना:
रवि आजाद ने अपने भाषण में जिला प्रशासन और हरियाणा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन किसानों को डराने और दबाने की कोशिश कर रहा है। भारी पुलिस बल की तैनाती को उन्होंने किसानों के मनोबल को तोड़ने की साजिश करार दिया, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेवात के किसान किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आएंगे।
महापंचायत के बाद रवि आजाद अपने समर्थकों के साथ सोहना आईएमटी पहुंचे, जहां सरकारी विकास कार्य चल रहे थे। उन्होंने इन कार्यों को रोकने का प्रयास करते हुए औद्योगिक क्षेत्र में किसानों को एकत्र किया और सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज करने की बात कही।
सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को चुनौती:
रवि आजाद ने हरियाणा सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन को वे मजबूती से नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि किसानों की मांगें पूरी करवाने के लिए वे सरकार को झुकाने का काम करेंगे।
इस दौरान एचएसआईडीसी के डीजीएम इंजीनियरिंग डिविजन अरुण गर्ग, एजीएम अमित दलाल, और स्टेट ऑफिसर दिलबाग दहिया भी मौके पर मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की।
निष्कर्ष:
किसान आंदोलन के इस घटनाक्रम ने एक बार फिर हरियाणा में प्रशासन और किसानों के बीच के तनाव को उजागर किया है। रवि आजाद के बयान और डीएसपी की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि दोनों पक्षों के बीच अविश्वास की खाई बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस विवाद का क्या असर पड़ता है और किसान आंदोलन किस दिशा में आगे बढ़ता है।