हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की तैयारियाँ तेज़ हो चुकी हैं। चर्चा है कि केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव को उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है। वहीं, हरियाणा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को विधानसभा अध्यक्ष का पद सौंपा जा सकता है।
संभावित मंत्रिमंडल की चर्चा
आरती राव के उपमुख्यमंत्री पद पर नियुक्त होने की संभावना के साथ ही दक्षिणी हरियाणा से राव नरवीर सिंह, फरीदाबाद से विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा और पटौदी से विमला चौधरी को मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है। यह कदम भाजपा की रणनीति के तहत क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने के लिए उठाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृति का इंतजार
नई सरकार के गठन और मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही उन्हें समय मिलेगा, हरियाणा में भाजपा तीसरी बार सत्ता संभालने की तैयारी करेगी।
इंद्रजीत सिंह की भूमिका और संभावित सियासी दांव
हालांकि, यदि इंद्रजीत सिंह की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उनके समर्थकों का मानना है कि अगर आरती राव को उपमुख्यमंत्री पद नहीं मिला, तो कांग्रेस दक्षिणी हरियाणा में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए आरती राव को मुख्यमंत्री पद की पेशकश कर सकती है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो एक साल बाद कोई बड़ा राजनीतिक खेल होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, जिससे हरियाणा की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है।