मंत्रालयों के वितरण पर गहन चर्चा की जा रही है।
नई दिल्ली: हरियाणा में मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दिल्ली में दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और हरियाणा प्रभारी के साथ मंत्रियों के मंत्रालयों के वितरण पर गहन चर्चा की जा रही है। सरकार में शामिल कई मंत्री बड़े विभागों की मांग कर रहे हैं, जिससे राजनीतिक जोड़-तोड़ का माहौल गर्म हो गया है।
मंत्रियों की बढ़ी उम्मीदें, मांग रहे बड़े मंत्रालय
मंत्रियों के बीच अपने लिए महत्वपूर्ण और प्रभावी विभाग पाने की होड़ लगी हुई है। सूत्रों के अनुसार, कई बड़े नेता और राज्य मंत्री अपने विभागों को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि पिछली सरकार में मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में कुछ मंत्रियों को ऐसे विभाग दिए गए थे जिससे वे संतुष्ट नहीं थे। इस बार वे अपने लिए बेहतर और बड़े मंत्रालय की उम्मीद में दिल्ली दौड़ रहे हैं।
चार मंत्रियों को मिल सकते हैं बड़े विभाग
हरियाणा में चार मंत्रियों को बड़े मंत्रालय दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय अनिल विज को दिए जाने की संभावना है, जिन्हें पहले भी ये मंत्रालय दिए गए थे। इसके अलावा, आरती राव, जो केंद्रीय मंत्री हैं, को भी बड़ा मंत्रालय सौंपा जा सकता है। राव नरवीर सिंह को दो मंत्रालय मिलने की उम्मीद है, जबकि कृष्ण लाल पवार को बिजली मंत्रालय सौंपा जा सकता है। इसके साथ ही, गौतम को भी महत्वपूर्ण विभाग दिए जाने की चर्चा है।
दिल्ली में मंथन, किसे मिलेगा कौन सा मंत्रालय?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी देर रात तक मंत्रियों को विभाग सौंप सकते हैं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा। बैठक के परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि सरकार में शामिल मंत्री अपने विभागों के बंटवारे को लेकर उत्सुक हैं।
अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री और भाजपा नेतृत्व किस तरह से मंत्रियों के बीच संतुलन बनाते हैं
हरियाणा में विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही यह बैठक राज्य की राजनीति के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि इस बंटवारे से आने वाले समय में सरकार की दिशा और कार्यशैली तय होगी। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री और भाजपा नेतृत्व किस तरह से मंत्रियों के बीच संतुलन बनाते हैं और कौन से नेता किस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे।
हरियाणा सरकार की कार्यशैली पर बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
दिल्ली में हो रही इस बैठक से हरियाणा की राजनीतिक तस्वीर और मंत्रियों के विभागों के वितरण को लेकर जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पार्टी नेतृत्व और मंत्रियों के बीच चल रही इस बातचीत से आने वाले दिनों में हरियाणा सरकार की कार्यशैली पर बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।