चुनाव के समय गायब हुए टिकट मांगने वाले कार्यकर्ता भी खट्टर के मंच पर दिखाई दिए
केंद्रीय राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह आमने-सामने
केंद्रीय समर्थन के सामने इंद्रजीत की योजनाएँ कमजोर दिखाई दे रही हैं।
नई दिल्ली। हरियाणा की राजनीति में अब एक नया मोड़ आ रहा है, जहाँ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह आमने-सामने हैं। खट्टर, जो करनाल से सांसद हैं, का प्रभाव अभी भी हरियाणा की राजनीति पर मजबूत बना हुआ है, जबकि इंद्रजीत अपनी बेटी को मंत्रिमंडल में जगह दिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
खट्टर का प्रभाव और समर्थक
मनोहर लाल खट्टर का केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण स्थान है, और उनके समर्थक नायब सिंह सैनी को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाने की दिशा में कार्यरत हैं। खट्टर ने करनाल से नौ विधानसभा सीटें जीतने में सफलता हासिल की है, जो उनके राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है। उनके समर्थकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना भी उनके कद को बढ़ा रही है।
इंद्रजीत की चुनौती
केंद्रीय राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों के साथ मिलकर अपनी बेटी को मंत्रिमंडल में स्थान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन खट्टर के मजबूत नेटवर्क और केंद्रीय समर्थन के सामने इंद्रजीत की योजनाएँ कमजोर दिखाई दे रही हैं। सूत्रों का कहना है कि खट्टर इस स्थिति को अपने पक्ष में करने में सफल हो रहे हैं।
चुनाव के समय गायब हुए कार्यकर्ताओं की वापसी
रावण दहन के अवसर पर मनोहर लाल खट्टर गुरुग्राम पहुंचे, जहाँ उन्होंने उन कार्यकर्ताओं को मंच पर देखा जो विधानसभा चुनाव के समय गायब हो गए थे। यह स्थिति हरियाणा में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि ऐसे कार्यकर्ता अब अचानक खट्टर के साथ दिख रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि खट्टर ने अपने राजनीतिक नेटवर्क को पुनर्जीवित किया है और यह स्थिति इंद्रजीत के लिए एक चुनौती साबित हो रही है।
इंद्रजीत सिंह की कोशिशें चाहे जितनी भी हों,खट्टर के समर्थन और उनके नेटवर्क के चलते सफल होती दिखाई नहीं दे रही हैं
हरियाणा की राजनीति में मंत्रिमंडल गठन को लेकर चल रही प्रतिस्पर्धा के बीच मनोहर लाल खट्टर का प्रभाव अभी भी मजबूत है। इंद्रजीत सिंह की कोशिशें चाहे जितनी भी हों, खट्टर के समर्थन और उनके नेटवर्क के चलते उनकी योजनाएँ सफल होती दिखाई नहीं दे रही हैं। आने वाले समय में देखना होगा कि यह राजनीतिक टकराव किस दिशा में जाता है।