दिल्ली, 28 जुलाई। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि महीने भर से हरियाणा में वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर 15 हजार से ज्यादा क्लर्क धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन सीएम खट्टर उनसे बात तक करने को तैयार नहीं हैं। हरियाणा में 30-30 साल सेवाएं देने के बाद क्लर्क रिटायर हो जाते हैं। मगर उनका प्रमोशन नहीं होता। जबकि बाकी सभी राज्यों में इनके पदों को अपग्रेड किया जाता है। पहले हुड्डा सरकार इनको गोली देती रही और अब खट्टर सरकार भी इनको गोली दे रही है। उन्होंने कहा कि क्लर्कों की मांग जायज और तर्कपूर्ण है, खट्टर सरकार इनकी मांगों को जल्द पूरा करे।
उन्होंने कहा कि क्लर्कों की दशकों से यही मांग है कि इनके कार्यों की समीक्षा करके इनका वेतन बढ़ाया जाए व पे-ग्रेड को सही किया जाए। हरियाणा सरकार के क्लर्कों को स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन व टाइपिंग स्पीड का टेस्ट पास करना पड़ता है। क्लर्क सरकार के सभी पोर्टलों को चलाने का काम करते हैं। 20 अक्टूबर 2015 को सीएम खट्टर ने क्लर्कों के कार्यों की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई थी, जिसने क्लर्कों की मांगों को जायज माना था। लेकिन खट्टर सरकार ने 2015 से लेकर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया। माधवन कमेटी की रिपोर्ट को कूड़े में फेंक दिया गया।
उन्होंने कहा कि जब से हरियाणा बना है, अध्यापक व जूनियर इंजीनियर के सभी पदों को रिवाइज कर दिया लेकिन क्लर्कों के पदों को रिवाइज नहीं किया गया। मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर 1997,1969, 1979 और 1986 में जेबीटी टीचर, जूनियर इंजीनियर और डिप्टी रेंजर सभी समान वेतन के थे। परंतु आज क्लर्कों का वेतन 19,900 के पे ग्रेड पर है, बाकी सभी का 35,400 रूपये वेतन है। ऐसी स्थिति में हरियाणा के सीएम खट्टर को 5 जुलाई से हड़ताल पर बैठे क्लर्कों से बात करने की फुर्सत नहीं है, वे केवल अपने ओएसडी को भेज देते हैं। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने नो वर्क नो पे का ऑर्डर लागू कर दिया है और इनको टर्मिनेट करने की तैयारी कर रही है।