विधानसभा क्षेत्रों का भूगोल और राजनीतिक समीकरण बदल जाएगा।
हरियाणा की राजनीति में आगामी वर्षों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि 2026 में राज्य में परिसीमन (Delimitation) होने जा रहा है। इस नए परिसीमन के बाद हरियाणा की विधानसभा और लोकसभा सीटों में उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी, जिससे राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों का भूगोल और राजनीतिक समीकरण बदल जाएगा।
परिसीमन से हरियाणा की विधानसभा और लोकसभा सीटों में बदलाव
2026 के परिसीमन के तहत हरियाणा की विधानसभा सीटों की संख्या 90 से बढ़ाकर 126 की जाएगी। इसका मतलब है कि राज्य में 36 नई विधानसभा सीटें जुड़ जाएंगी, जिससे स्थानीय राजनीति में नए चेहरे उभरने की संभावना बढ़ेगी। इसके अलावा, लोकसभा सीटों की संख्या भी बढ़ाकर 14 की जाएगी, जिसमें वर्तमान सीटों से एक अधिक होगी।
आरक्षित सीटों में वृद्धि
परिसीमन के इस नए प्रारूप के तहत, हरियाणा में 3 लोकसभा सीटें और 25 विधानसभा सीटें आरक्षित की जाएंगी। वर्तमान में, 2 लोकसभा सीटें और 17 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं, जो अब बढ़कर क्रमशः 3 और 25 हो जाएंगी। इस बदलाव का उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के प्रतिनिधित्व को बढ़ाना है, जिससे राजनीतिक संतुलन को और अधिक समावेशी बनाया जा सके।
परिसीमन से होने वाले संभावित प्रभाव
परिसीमन के बाद हरियाणा में राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल सकता है। नए क्षेत्रीय सीमांकन से न केवल वर्तमान विधायकों की सीटों में बदलाव होगा, बल्कि नए क्षेत्रों में राजनीतिक दलों की रणनीतियाँ भी बदलेंगी। नए सीटों के जुड़ने से चुनावी समीकरण बदलेंगे और राजनीतिक दलों को नए क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की जरूरत होगी।
इस परिसीमन से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच के विकास असंतुलन को भी संबोधित करने का प्रयास किया जाएगा। नए सीटों के आने से उन क्षेत्रों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा, जो अब तक राजनीतिक रूप से उपेक्षित थे।
आगामी चुनावों पर प्रभाव
2026 में परिसीमन के बाद होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। नई सीटों के साथ-साथ आरक्षित सीटों की वृद्धि से दलित और आदिवासी समुदायों के बीच राजनीतिक सक्रियता बढ़ेगी। प्रमुख राजनीतिक दलों को नए क्षेत्रों में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियाँ बनानी होंगी। इसके अलावा, पुराने विधानसभा क्षेत्रों का विभाजन होने से मौजूदा विधायकों और राजनीतिक दलों के बीच नए समीकरण बनेंगे।
नए क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी
हरियाणा में 2026 का परिसीमन राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू करेगा। 36 नई विधानसभा और 4 अतिरिक्त लोकसभा सीटों के जुड़ने से चुनावी प्रक्रिया और मतदाताओं का स्वरूप बदल जाएगा। आरक्षित सीटों की संख्या में वृद्धि से दलित और आदिवासी वर्गों का प्रतिनिधित्व भी मजबूत होगा। राजनीतिक दलों के लिए यह परिसीमन एक चुनौती के साथ-साथ अवसर लेकर आएगा, क्योंकि उन्हें नए क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी और जनता के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करना होगा।